CP Radhakrishnan: Vice President candidate, 25 points
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तमिलनाडु के सी.पी. राधाकृष्णन – उपराष्ट्रपति पद के लिए एनडीए प्रत्याशी
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राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने 17 अगस्त 2025 को महाराष्ट्र के राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए अपना प्रत्याशी घोषित किया।
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यह चुनाव 9 सितम्बर को आयोजित होना निर्धारित है।
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चन्द्रपुरम पोनुस्वामी राधाकृष्णन तमिलनाडु के वरिष्ठ भाजपा नेता हैं और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से लंबे समय से जुड़े रहे हैं।
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राधाकृष्णन का जन्म अक्टूबर 1957 में तत्कालीन मद्रास राज्य (अब तमिलनाडु) के तिरुप्पुर में हुआ।
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मात्र 16 वर्ष की आयु में उन्होंने आरएसएस और जनसंघ से जुड़कर सार्वजनिक जीवन की शुरुआत की।
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1974 में वे भारतीय जनसंघ की राज्य कार्यकारिणी के सदस्य बने, जिससे उनका संघ परिवार के साथ स्थाई जुड़ाव शुरू हुआ।
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1998 में कोयंबटूर लोकसभा सीट से संसद के सदस्य निर्वाचित हुए और 1.5 लाख से अधिक मतों से विजय प्राप्त की।
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1999 में उन्होंने फिर से कोयंबटूर सीट से जीत दर्ज की, इस बार द्रमुक (DMK) प्रत्याशी को पराजित किया।
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लोकसभा में उन्होंने वस्त्र मंत्रालय संबंधी स्थायी समिति के अध्यक्ष सहित कई संसदीय समितियों में कार्य किया।
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2003 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए मानवीय समन्वय व आपदा राहत विषयों पर भाषण दिया।
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2004 में वे भारत के पहले संसदीय प्रतिनिधिमंडल के साथ ताइवान भी गए।
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2004 से 2007 तक भारतीय जनता पार्टी की तमिलनाडु इकाई के अध्यक्ष रहे।
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इस अवधि में उन्होंने 93 दिनों की 19,000 किमी लंबी रथ यात्रा आयोजित की, जिसमें नदियों की परस्पर जोड़ाई, आतंकवाद-विरोध, अस्पृश्यता हटाने तथा समान नागरिक संहिता जैसे मुद्दों को उठाया।
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बाद में उन्होंने दो और पदयात्राएँ आयोजित कर जमीनी मुद्दों से अपनी जुड़ाव की छवि को और मजबूत किया।
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2014 तथा 2019 के लोकसभा चुनावों में उन्होंने पुनः चुनाव लड़ा, लेकिन दोनों बार पराजित रहे।
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2020 से 2022 के बीच वे भाजपा के केरल प्रभारी रहे।
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2016 में उन्हें कॉयर बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया, जहाँ उनके कार्यकाल में ₹2,532 करोड़ के रिकॉर्ड निर्यात दर्ज हुए।
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2023 में उन्हें झारखंड का राज्यपाल नियुक्त किया गया और उन्होंने चार महीनों में राज्य के सभी 24 जिलों का दौरा करके जनता से सीधा संवाद स्थापित किया।
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इसके बाद उन्हें तेलंगाना के राज्यपाल और पुडुचेरी के उपराज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार भी दिया गया।
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जुलाई 2024 में उन्होंने महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में शपथ ग्रहण की।
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यदि विपक्ष एकजुट होकर प्रत्याशी खड़ा भी करे, तब भी संसद में संख्याबल के आधार पर राधाकृष्णन की जीत लगभग तय मानी जा रही है।
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उपराष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों – लोकसभा और राज्यसभा – के सदस्य करते हैं; राज्य विधानसभाओं की इसमें कोई भूमिका नहीं होती।
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वर्तमान में लोकसभा में एनडीए को स्पष्ट बहुमत प्राप्त है तथा राज्यसभा में भी उसका मजबूत समीकरण है।
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विपक्षी दलों का एकजुट होना इस चुनाव में एकमात्र चुनौती हो सकती है, लेकिन हाल के वर्षों में संवैधानिक पदों के चुनाव में विपक्ष की एकजुटता कमजोर रही है।
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तमिलनाडु के नेता को प्रत्याशी बनाकर भाजपा ने यह संदेश दिया है कि वह दक्षिण भारत में अपनी राजनीतिक उपस्थिति को और मजबूत करना चाहती है।
सी.पी. राधाकृष्णन बनाम कौन? संसद में एनडीए और इंडिया गठबंधन के आंकड़ों की तुलना
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महाराष्ट्र के राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन को भाजपा नेतृत्व वाले एनडीए ने उपराष्ट्रपति पद के लिए अपना उम्मीदवार घोषित किया है।
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INDIA गठबंधन ने अभी तक अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है।
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उपराष्ट्रपति का चुनाव 9 सितम्बर को होना निर्धारित है।
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यह चुनाव उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के 21 जुलाई को अप्रत्याशित त्यागपत्र के बाद आवश्यक हुआ।
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नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 21 अगस्त है।
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रिपोर्टों के अनुसार, INDIA गठबंधन 18 अगस्त (सोमवार) को बैठक कर अपना उम्मीदवार तय करने पर विचार करेगा।
परिदृश्य – 1 : यदि INDIA गठबंधन उम्मीदवार घोषित नहीं करता
7. अगर INDIA गठबंधन अपना प्रत्याशी नहीं उतारता है, तो सी.पी. राधाकृष्णन निर्विरोध उपराष्ट्रपति चुने जाएंगे।
परिदृश्य – 2 : यदि INDIA गठबंधन अपना उम्मीदवार उतारता है
8. ऐसे में सीधा मुकाबला एनडीए के उम्मीदवार सी.पी. राधाकृष्णन और INDIA गठबंधन के प्रत्याशी के बीच होगा।
9. उपराष्ट्रपति का चुनाव एक निर्वाचक मंडल द्वारा होता है, जिसमें लोकसभा व राज्यसभा के सभी निर्वाचित व नामित सदस्य शामिल होते हैं।
10. मतदान गुप्त बैलेट के माध्यम से होता है और प्रत्येक वोट का मूल्य समान (1) होता है।
क्या संख्याएं सी.पी. राधाकृष्णन के पक्ष में हैं?
11. वर्तमान में निर्वाचक मंडल में कुल 782 सांसद हैं (लोकसभा में 1 और राज्यसभा में 5 रिक्त स्थानों को छोड़कर)।
12. जीत के लिए किसी भी उम्मीदवार को कुल मतों की आधे से अधिक संख्या अर्थात् कम से कम 392 वोट प्राप्त करने होंगे।
13. लोकसभा में कुल 542 सांसद हैं – इनमें से 293 सांसद एनडीए के पक्ष में हैं, जबकि 249 सांसद विपक्ष के साथ हैं।
14. राज्यसभा में कुल 240 सांसद हैं – इनमें से लगभग 130 सांसद एनडीए के समर्थक हैं।
15. यदि एनडीए के सभी सहयोगी सी.पी. राधाकृष्णन को समर्थन देते हैं, तो एनडीए निर्वाचक मंडल में स्पष्ट बहुमत प्राप्त कर लेगा और राधाकृष्णन की जीत सुनिश्चित होगी।
16. हालांकि, यदि एनडीए के कुछ सदस्य दलबदल कर INDIA गठबंधन के उम्मीदवार को वोट देते हैं, तो चुनाव का संतुलन बदल सकता है।