New GST slab for cars, SUVs can be 18%, here’s 18 points

Delhi: GST में संभावित बदलाव, 18 मुख्य बिंदु
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आगामी जीएसटी काउंसिल की बैठक में केंद्र सरकार एक प्रस्ताव रखने जा रही है, जिसके अनुसार कारों, एसयूवी, दो और तीन पहिया वाहनों पर जीएसटी दर को 28% से घटाकर 18% किया जा सकता है; यह बदलाव दिवाली तक लागू हो सकता है।
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विशेष रूप से एसयूवी पर टैक्स में तेज़ गिरावट संभव है, क्योंकि वर्तमान में उन पर कुल कर भार लगभग 50% तक है।
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एयर कंडीशनर तथा सीमेंट जैसे अन्य उत्पादों पर भी जीएसटी दर कम करने का प्रस्ताव है।
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प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस भाषण में कहा कि पुनः डिज़ाइन किया गया जीएसटी ढाँचा रोज़मर्रा के उपयोग की वस्तुओं पर कम कर दर लागू करेगा।
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सरकार का उद्देश्य दो-स्तरीय जीएसटी ढाँचा लागू करना है:
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5% : आवश्यक/दैनिक उपयोग की वस्तुएँ
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18% : मानक दर
इसके अलावा, बहुत कम उत्पादों (जैसे- बहुमूल्य धातु व ‘सिन गुड्स’ जैसे तम्बाकू) के लिए ‘विशेष दर’ होगी।
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इस प्रस्ताव के तहत 28% टैक्स स्लैब और उस पर लगने वाले सेस को समाप्त किया जाएगा। 12% टैक्स स्लैब को भी हटाने की योजना है।
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अधिकारी के अनुसार यह प्रस्ताव राज्यों पर थोपा नहीं जाएगा; इसे पहले मंत्रियों के समूह द्वारा समीक्षा के लिए रखा जाएगा।
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मौजूदा औसत जीएसटी दर लगभग 11% है, जो इस बदलाव के बाद और नीचे आ सकती है। अल्पकालिक राजस्व में कमी “साम्भाव्य” बताई गई है।
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पिछले वर्षों में विभिन्न दरों में छोटे-छोटे बदलावों से जीएसटी ढाँचा जटिल हो गया था, जिसे सरल बनाना इस सुधार का मुख्य उद्देश्य है।
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इनवर्टेड टैक्स स्ट्रक्चर (जहाँ कच्चे माल पर कर finished goods से अधिक होता है) की समस्या को नए ढाँचे में लगभग पूरी तरह संबोधित किया गया है।
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अर्थशास्त्रियों के अनुसार कम दरों व व्यापक टैक्स बेस वाले जीएसटी से आर्थिक वृद्धि और राजस्व वृद्धि दोनों को बढ़ावा मिल सकता है।
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ऑटोमोबाइल्स पर कर कटौती से सुस्त बाजार को लाभ मिल सकता है; विशेष रूप से एसयूवी सेगमेंट में, जो बिक्री का आधे से अधिक हिस्सा रखते हैं।
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‘विशेष दरें’ केवल सोना, बहुमूल्य धातु और कुछ ‘सिन गुड्स’ (जैसे तम्बाकू, शीतल पेय) पर लागू होंगी।
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वर्तमान जीएसटी कानून में अधिकतम कर सीमा 40% निर्धारित है; लेकिन तम्बाकू जैसे उत्पादों पर अभी कुल कर 160%-200% तक है और इन्हें कम करने का कोई प्रस्ताव नहीं है।
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खाद्य, कृषि इनपुट व स्वास्थ्य संबंधी वस्तुओं को या तो कम दरों में रखा जाएगा या पूरी तरह करमुक्त रखा जाएगा।
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पंजीकरण, रिफंड जैसी प्रक्रियाएँ अब सरल बनायी जा रही हैं; केन्द्र व राज्य की प्रक्रियाएँ समन्वित की जा रही हैं ताकि करदाताओं पर भार कम हो।
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इसके बावजूद कर चोरी रोकने के लिए बेहतर रिस्क मैनेजमेंट सिस्टम और प्रवर्तन तंत्र बनाए जा रहे हैं।
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वर्तमान में:
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पैसेंजर वाहनों पर कुल कर 29%-50% है
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हाइब्रिड वाहनों पर 28%
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दो-पहिया पर 28%-31%
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तीन-पहिया पर 28%
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इलेक्ट्रिक वाहनों पर मात्र 5%