Delhi’s UER-II Expressway, full info in 14 points

दिल्ली की वेस्टर्न रिंग रोड (UER-II) के विषय में समझिए 14 पॉइंट्स में
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वर्ष 2000 में प्रस्तावित अर्बन एक्सटेंशन रोड-II (Urban Extension Road-II (UER-II), जिसे वेस्टर्न रिंग रोड भी कहा जाता है, का 25 वर्षों का इंतज़ार अब समाप्त हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को इसके शेष हिस्सों का उद्घाटन करेंगे।
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यह 75 किलोमीटर लंबा प्रोजेक्ट पहले डीडीए द्वारा शुरू किया गया था, लेकिन 2018 में इसे एनएचएआई को सौंपा गया। जमीन अधिग्रहण, लागत बढ़ने और अलग-अलग एजेंसियों के बीच जिम्मेदारी बदलने के कारण बार-बार इसमें देरी हुई।
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UER-II के चालू होने के बाद दिल्ली के पश्चिमी और उत्तरी क्षेत्रों से IGI एयरपोर्ट तक का सफर 30-40 मिनट तक कम हो जाएगा।
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यह एक्सप्रेसवे NH-44, NH-09 और द्वारका एक्सप्रेसवे को जोड़ता है, जिससे सोनीपत, पानीपत, चंडीगढ़, पंजाब तथा जम्मू-कश्मीर जाने वाला यातायात दिल्ली की जाम वाली रिंग रोड और महत्वपूर्ण जंक्शनों (जैसे मुकरबा चौक, धौला कुआं) को बायपास कर पाएगा।
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द्वारका एक्सप्रेसवे के साथ मिलकर यह सड़क उत्तर/पश्चिम दिल्ली, हरियाणा और पंजाब के यात्रियों को एयरपोर्ट से जोड़ेगी। नोएडा से भी IGI एयरपोर्ट की यात्रा अब लगभग 20 मिनट में संभव होगी।
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UER-II को दिल्ली मास्टर प्लान के तहत तीसरी रिंग रोड के रूप में तैयार किया गया। इसे पांच पैकेजों में विकसित किया गया है, कुल लंबाई 75.71 किमी और लागत 6,445 करोड़ रुपये है। इसमें 54.21 किमी दिल्ली में और 21.50 किमी हरियाणा में है।
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मार्च 2024 में नांगलोई से द्वारका तक का 10 किमी हिस्सा शुरू किया जा चुका था। अब अलिपुर-डिछाऊं कलां वाला अंतिम खंड तथा बहादुरगढ़ और सोनीपत की ओर जाने वाले स्पर सड़कें शुरू की जा रही हैं। इनके निर्माण पर 5,580 करोड़ रुपये खर्च हुए।
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मुख्य सड़क 6-लेन एक्सेस कंट्रोल्ड है, जबकि सोनीपत बायपास और बहादुरगढ़ बायपास की स्पर सड़कें 4-लेन हैं।
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UER-II का रूट NH-44 से शुरू होकर द्वारका सेक्टर-24 पर समाप्त होता है। कुल पाँच पैकेजों में से तीन पैकेज अलिपुर से द्वारका (40 किमी) के बीच हैं।
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चौथा पैकेज (NH-344P) बावाना इंडस्ट्रियल एरिया से सोनीपत के लिए 30 किमी लंबा स्पर है, जो दिल्ली-कटरा एक्सप्रेसवे से भी कनेक्टिविटी देगा।
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पाँचवाँ पैकेज (NH-344N) डिछाऊं कलां से शुरू होकर बहादुरगढ़ बायपास तक सात किमी लंबा है, जो NH-09 को डी-कॉन्गेस्ट करेगा और दक्षिण-पश्चिम दिल्ली को रोहतक/बहादुरगढ़ क्षेत्र से जोड़ेगा।
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इस एक्सप्रेसवे में 6 मल्टी-लेवल इंटरचेंज, 27 फ्लाईओवर, 11 अंडरपास, 2 रोड ओवरब्रिज, 31 बस बे और 110 किमी से अधिक सर्विस रोड शामिल हैं।
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मुंगेेशपुर ड्रेन पार करने के लिए 2-किमी लंबा एलिवेटेड सेक्शन बनाया गया है, जो 32 पोर्टल्स पर आधारित है और जलमार्ग को बिना क्षति पहुँचाए पार करता है।
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पर्यावरणीय दृष्टि से टिकाऊ निर्माण के लिए दिल्ली के भलस्वा और गाजीपुर लैंडफिल से 10 लाख मीट्रिक टन निष्क्रिय कचरे का पुन: उपयोग किया गया तथा 10,000 पेड़ों को नई जगह पर प्रतिरोपित किया गया।