Jharkhand tourism: How tourists grow from 4.53 lakh to over 4 cr, 13 points

झारखण्ड पर्यटन क्षेत्र में तीव्र वृद्धि , 13 बिंदुओं में
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झारखण्ड राज्य, जो प्राकृतिक सौंदर्य और सांस्कृतिक सम्पदा के लिए विख्यात है, पिछले दो दशकों में पर्यटन क्षेत्र में असाधारण वृद्धि दर्ज कर रहा है।
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वर्ष 2000 में जहाँ आगंतुकों की कुल संख्या मात्र 4.53 लाख थी, वहीं 2018–19 तक यह संख्या 3.55 करोड़ तक पहुँच चुकी है।
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विदेशी पर्यटकों की संख्या में भी उल्लेखनीय वृद्धि दिखाई दी है — 2010 की तुलना में विदेशी आगंतुकों की संख्या में 360 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है।
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वर्ष 2013 से 2019 के बीच घरेलू पर्यटकों की वार्षिक वृद्धि दर 1.5% तथा विदेशी पर्यटकों की वार्षिक वृद्धि दर 4.7% रही।
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कोविड-19 महामारी के दौरान 2020 में घरेलू पर्यटन में 92.8% एवं विदेशी पर्यटन में 99.7% तक गिरावट दर्ज की गई थी, हालांकि 2021 में क्रमशः 31.4% और 234.1% की पुनरुद्धार वृद्धि दर्ज की गई।
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विशेषज्ञों के अनुसार, भारत का पर्यटन एवं आतिथ्य क्षेत्र 2028 तक ₹5.12 लाख करोड़ रुपये की आय उत्पन्न करेगा, जिसमें झारखण्ड का महत्वपूर्ण योगदान होगा।
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पर्यटन एवं आतिथ्य क्षेत्र ने राज्य में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से हजारों रोजगार सृजित किए हैं। आंकड़ों के अनुसार 100 कमरों के होटल में औसतन 45 कर्मचारी कार्यरत होते हैं, जिनमें अधिकांश अस्थायी नियुक्तियाँ होती हैं।
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पर्यटन से होटल, वाहन सेवा, रिटेल, हस्तशिल्प, कृषि और परिवहन जैसे अनेक क्षेत्रों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष लाभ प्राप्त हो रहा है।
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देवघर, पारसनाथ और राजरप्पा जैसे धार्मिक स्थलों पर तीर्थयात्रियों की बढ़ती संख्या ने स्थानीय अर्थव्यवस्था को विशेष रूप से लाभान्वित किया है।
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हुंडरू फॉल, नेतारहाट, बेटला राष्ट्रीय उद्यान जैसे स्थलों पर प्राकृतिक पर्यटन और खंडोली जैसे जलक्रीड़ा पर्यटन स्थलों ने युवाओं को आकर्षित करते हुए राज्य के पर्यटन आँकड़ों को और अधिक मजबूत किया है।
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राज्य सरकार द्वारा पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 30% (या ₹10 करोड़ तक) तक की सब्सिडी तथा आदिवासी जिलों के लिए 35% तक 인सेटिव प्रदान किए जा रहे हैं।
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पर्यटन नीति 2021 और सिंगल-विंडो प्रणाली के माध्यम से निवेश को सुविधाजनक बनाया गया है, तथा 2024 से राज्य सरकार “स्थायी एवं स्थानीय रोजगार आधारित” पर्यटन विकास पर विशेष बल दे रही है।
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विशेषज्ञों का कहना है कि यदि इसी प्रकार पर्यटन अवसंरचना को विकसित किया जाता रहा, तो झारखण्ड निकट भविष्य में देश के प्रमुख पर्यटन प्रदेशों में सम्मिलित हो सकता है।
नीचे क्षेत्रीय फोकस, तुलनात्मक विश्लेषण और विस्तृत आँकड़ों में विश्लेषण प्रस्तुत है:
1. पर्यटन प्रवृत्ति (Visitor Arrivals)
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झारखण्ड में 2012 और 2022 के बीच स्थानीय आगंतुकों में तेज़ी से वृद्धि हुई — 2002 में 3.13 लाख, 2022 में 38.28 लाख (≈3.83 करोड़), और 2023 में फिर थोड़ी गिरावट होकर 35.78 लाख (≈3.58 करोड़) हो गई। CEIC Data
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यह ग्राफ राज्य में पर्यटन गतिविधियों की विस्फोटक वृद्धि और कोविड-प्रभावों के बाद धीरे-धीरे उबरने का स्पष्ट संकेत देता है।
2. वित्तीय विनियोग और विकास (State Expenditure on Tourism)
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रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया के आंकड़ों के अनुसार, झारखण्ड की पर्यटन पर होने वाली राजस्व व्यय (revenue expenditure) 2025 में लगभग ₹7.69 करोड़ (INR mn = 769.480) है, जो 2024 (₹9.96 करोड़) की तुलना में कम है। CEIC Data
3. रोजगार सृजन (Jobs & Economic Contribution)
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एक अध्ययन के अनुसार, अगर पर्यटन प्रवृत्तियों को देखा जाए, तो वर्ष 2020 तक यह क्षेत्र लगभग 4 लाख लोगों को रोजगार प्रदान कर सकेगा। ResearchGate
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राष्ट्रीय दृष्टिकोण से देखें तो, पर्यटन उद्योग ने भारत में 2015 में ₹8.31 लाख करोड़ का योगदान दिया (लगभग 6.3% जीडीपी), और 3.73 करोड़ रोजगार सृजित किए, जो कुल रोजगार का 8.7% था। Jharkhand Rai University (JRU), Ranchi+1
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2028 तक भारत में पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र की कुल आय ₹5.12 लाख करोड़ (US$ 59 बिलियन) से अधिक होने की संभावना है, साथ ही विदेशी पर्यटक आगमन (FTAs) 30.5 मिलियन तक पहुँच सकता है। IBEF
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अनुमान है कि 2025 तक पर्यटन का जीडीपी प्रभाव ₹22 ट्रिलियन (2.2 लाख करोड़) पार कर सकता है, और रोजगार 48 मिलियन (4.8 करोड़+) तक पहुँच सकता है। हालांकि, यह अनुमान आम भारत स्तर पर हो सकता है, राज्य-विशिष्ट आंकड़े नहीं हैं। LinkedIn
4. क्षेत्रीय विविधता और आकर्षण (Regional Highlights)
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धार्मिक पर्यटन — पारसनाथ, बैद्यनाथ धाम (देवघर), राजरप्पा जैसे प्रमुख तीर्थ स्थलों ने विदेशी और घरेलू दोनों पर्यटकों को आकर्षित किया है। Wikipedia
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वन्यजीव एवं प्राकृतिक पर्यटन — बेटला नेशनल पार्क, दलमा वन्यजीव अभयारण्य, हुंडरू झरना, नेतारहाट जैसी प्राकृतिक ख़ूबसूरती वाले स्थान राज्य में पर्यटन की विविधता को बढ़ाते हैं। Wikipedia
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साहसिक पर्यटन — खंडोली डैम पर वॉटर स्पोर्ट्स जैसे साहसिक गतिविधियाँ (कैनोइंग, राफ्टिंग, पेडल बोट, स्कूबा डाइविंग आदि) युवाओं में विशेष लोकप्रिय हैं। Wikipedia
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फिल्मिंग गतिविधियाँ — राज्य सरकार ने 2015 से विभिन्न फिल्मों को यहां फिल्माने के लिए प्रोत्साहन दिया, जिससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिला (उदाहरण: “एम.एस. धोनी”, “रांची डायरीज” आदि)। Wikipedia
5. तुलनात्मक विश्लेषण (Comparative Insights)
पहलू | झारखण्ड (राज्य-स्तर) | भारत (राष्ट्रीय स्तर) |
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स्थानीय आगंतुक (2022) | लगभग 38.28 लाख SEC+15CEIC Data+15CEIC Data+15 | – |
राजस्व व्यय (2025) | ₹7.69 करोड़ (कम हुआ है) Ministry of Tourism | पूरे पर्यटन क्षेत्र में ₹5.12 लाख करोड़ संभावना IBEF |
रोजगार संख्याएँ | लगभग 4 लाख (2020 तक अनुमानित) ResearchGate | 2015 में 3.73 करोड़ रोजगार Jharkhand Rai University (JRU), Ranchi |
क्षेत्रीय विविधता | धार्मिक, प्रकृति, साहसिक, फिल्म शूटिंग आदि विविध | अधिकाधिक विविधता व उच्च निवेश संरचना संभव IBEF |
विकास व नीति | सब्सिडी प्रोत्साहन, पर्यटन नीति लागू | निवेश प्रवण और विशाल अंतरराज्यीय दृष्टिकोण IBEF |
6. समापन टिप्पणी
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पर्यटन आय: झारखण्ड में स्थानीय पर्यटन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, लेकिन राजस्व और रोजगार सृजन की तुलना में राष्ट्रीय स्तर पर स्थिति अधिक प्रभावशाली दिखाई देती है।
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विकास संभावनाएँ: धार्मिक, प्राकृतिक, साहसिक और फिल्मिंग पर्यटन में राज्य में विविध अवसर हैं—इनको अधिक व्यवस्थित और निवेश-दृष्टि से विकसित करने पर राज्य को व्यापक लाभ प्राप्त हो सकता है।
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नीति सुधार: निवेश-प्रोत्साहन, अवसंरचना विकास, डिजिटल मार्केटिंग एवं स्थानीय समुदाय-केंद्रित विकास रणनीति अपनाकर झारखण्ड पर्यटन को अंतरराष्ट्रीय मान्यता दिला सकता है।
नीचे “आर्थिक प्रभाव” और “क्षेत्रीय तुलना” विषयों पर झारखण्ड के पर्यटन क्षेत्र के व्यापक व गहराई से विश्लेषण को प्रस्तुत किया गया है:
आर्थिक प्रभाव — झारखण्ड पर्यटन उद्योग का व्यापक विश्लेषण
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समायोजन और संरचनात्मक विकास
झारखण्ड में पर्यटन उद्योग में हाल के वर्षों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जिसके पीछे अवसंरचना विकास, नई पर्यटन गंतवस्थाएँ और आतिथ्य परिसरों का विस्तार प्रमुख कारण रहे हैं।JETIR+1 -
आर्थिक और सामाजिक लाभ
पर्यटन ने रोजगार सृजन, कर राजस्व वृद्धि, विदेशी विनिमय प्राप्तियों और समृद्धि प्रवाह में योगदान दिया है, जिससे राज्य की सामाजिक-आर्थिक प्रगति को बल मिला है।JETIRJharkhand PCS Exam Notes -
निवेशरहित रोजगार सृजन क्षमता
अध्ययन बताते हैं कि पर्यटन क्षेत्र प्रति निवेश-रुपये सापेक्ष अन्य क्षेत्रों की तुलना में अधिक रोजगारदायक है, याने कम लागत में अधिक रोजगार उपलब्ध कराता है।IDEAS/RePEc+11Jharkhand Rai University (JRU), Ranchi+11IJMRT+11arXiv -
स्थानीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
पर्यटन गतिविधियाँ (व्यवसाय, तमाशे, स्थानीय सेवाएँ) ग्रामीण अर्थव्यवस्था में मंदा विभाजित कर स्थिरता लाती हैं और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ातीं हैं।Allied Business Academies+1 -
सतत पर्यटन की चुनौतियाँ
हालांकि झारखण्ड में प्राकृतिक और सांस्कृतिक संसाधन पर्यटन की दिशा में बाध्यपुष्ट हैं, परन्तु सतत विकास के दृष्टिकोण से पर्यावरण संरक्षण एवं समुदाय की भागीदारी सुनिश्चित करना अभी भी एक चुनौती है।IJIRCT
क्षेत्रीय तुलना — क्षेत्र विशेष में पर्यटन का योगदान
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दैनिक जीवन और पर्यटन: विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण
राज्य के छह प्रमुख पर्यटन मार्गों में स्थानीय लोगों की धारणाएं विभिन्न आर्थिक, सामाजिक तथा सांस्कृतिक कारकों से प्रभावित पाई गईं, जो पर्यटन के क्षेत्रीय आर्थिक संभावनाओं के परिचायक हैं।JETIR -
प्रथम राज्य-स्तरीय डेटा: RTSA (2015–16)
भारत में प्रथम बार राज्य स्तर पर पर्यटन उप-सैटेलाइट अकाउंट (RTSA) तैयार किया गया — इसका उद्देश्य पर्यटन से जुड़े राशीय योगदान को जीडीपी, रोजगार आदि में सम्मिलित कर क्षेत्रों के बीच तुलना करना है।Ministry of Tourism -
धार्मिक पर्यटन के आर्थिक पहलू
देवघर जैसे तीर्थस्थलों में धार्मिक पर्यटन ने स्थानीय आतिथ्य, व्यापार और सेवाओं को आर्थिक दृष्टि से सामर्थ्यवान किया है, जिससे क्षेत्रीय आर्थिक विकास को दिशा मिली है।Wikipedia+1 -
प्राकृतिक और साहसिक पर्यटन से लाभ
बेटला नेशनल पार्क, HUंडरू फॉल्स से लेकर नेतरहाट तक, प्राकृतिक और साहसिक पर्यटन स्थलों की आत्मीयता स्थानीय पर्यटन मांग को बढ़ाती है और क्षेत्रीय रोजगार व छोटे उद्यमों को मजबूत बनाती है।IDEAS/RePEc+10Wikipedia+10IJMRT+10 -
इको-पर्यटन के अवसर और नीति पहल
राज्य की पर्यटन नीति 2021 ने ईको-पर्यटन, धार्मिक सर्किट, आदिवासी और सांस्कृतिक पर्यटन, स्वास्थ्य (वेलनेस) और साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने का एलान किया है — यह नीति क्षेत्रीय विविधता को सीमा तक समाहित करती है।cretumadvisory.com
निष्कर्ष — क्षेत्रीय आर्थिक दृष्टिकोण से समीक्षा
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स्थानीय अर्थव्यवस्था में योगदान: पर्यटन ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में रोजगार, सेवा व्यवसाय, हस्तशिल्प और आतिथ्य जैसे क्षेत्रों को सशक्त बनाया है, जिससे ग्रामीण व नगरीय दोनों क्षेत्रों की आर्थिक क्षमता बढ़ी है।
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विकास संरचना और नीति संचरण: RTSA जैसी पहलों से अब राज्य सरकार के लिए क्षेत्रवार पर्यटन प्रभाव का विश्लेषण स्पष्ट हो रहा है — जिससे नीति निर्माण अधिक लक्षित और प्रभावी बन पा रहा है।
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भविष्य की दिशा: सतत पर्यटन विकास, स्थानीय भागीदारी, पर्यावरण संरक्षण और निवेश प्रेरित विकास रणनीतियाँ अपनाकर, झारखण्ड पर्यटन को एक मजबूत आर्थिक इंजन बनाया जा सकता है।