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Chhattisgarh में Brain Drain के बाद अब ब्रेन गेन की बारी

Chhattisgarh Rajat Jayanti Varsh 2025

The Profit India brings different aspects of Chhattisgarh as it completes 25 years of its establishment on November 01, 2025. Here’s an analysis by The Profit India founder and Editor-in-Chief Yogesh Mishra on    how the incumbent government’s new industrial policy envisions to transforming the tribal-populated state    into India’s new coveted job destination…

Yogesh Mishra @ TPI
एक समय था जब भारत के युवाओं को पश्चिम आकर्षित करता था। तब सफलता और समृद्धि की कुंजी पश्चिम में टंगी थी। यह भी कह सकते हैं कि तब सूरज पश्चिम से निकलता था। उस दौर में भारत स्वतंत्रता और आध्यात्म के फ्रेम में विकास की तस्वीर उकेर रहा था। संघर्ष कठिन था – घर में भी और बाहर भी। चुनाव भी आसान नहीं था, फिर भी कुछ ने देश चुना, कुछ ने परदेस। प्रगति के सोपान सब चढ़े परन्तु भारत की मिट्टी अब सोना उगलने लगी है। तकनीकी विकास को ऊर्जीकृत कर रही है। तरक्की के नए मानदंडों ने छोटे और बड़े राज्यों के मध्य उभरे अंतर को ही समाप्त कर दिया है। यह स्वर्णिम अवसर है घर वापसी का या कहें ब्रेन गेन का। देश ने दशकों अपनी दुर्लभ प्रतिभाओं को सात समंदर पार जाते देखा। यह ब्रेन ड्रेन था।

ब्रेन ड्रेन भारत के भीतर भी हुआ जब रोजगार और व्यापार की खोज में लोग एक राज्य से दूसरे राज्य जाने लगे। अब प्रत्येक राज्य अपना वित्तीय प्रबंधन सुधार रहा है। मजबूत वित्तीय स्थिति का अर्थ है नए रोजगार और व्यापार के अवसर का सृजन। छत्तीसगढ़ भी यही कर रहा है। कोर सेक्टर में छत्तीसगढ़ देश का अग्रणी राज्य है। अब सूचना प्रौद्योगिकी और इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियों के लिए इकोसिस्टम तैयार कर रहा है। साथ ही मध्य भारत का सबसे बड़ा मैन्युफैक्चरिंग और लॉजिस्टिक हब बनने की दिशा में भी अग्रसर है। रक्षा, अंतरिक्ष और सॉफ्टवेयर जैसे नए सेक्टर में थोक में रोजगार के अवसर मिलेंगे। स्थानीय स्तर पर नए स्टार्टअप और उद्यमी भी उभरेंगे। वेतन की श्रेणी बढ़ेगी। ऐसे में अन्य राज्यों के बड़े शहरों में अच्छे वेतन के बाद भी महंगाई की मार झेल रहे युवा के समक्ष घर वापसी एक बेहतरीन विकल्प होगा।

हालांकि इसके लिए एक विस्तृत रोडमैप तैयार करना होगा। समय लगेगा, लेकिन परिणाम आएंगे। आवश्यकता है पूरे तंत्र में कसावट बनाए रखने की। सतत सूक्ष्म और कठोर निगरानी से यह सुनिश्चित करना होगा कि जिस गति से सिंगल विंडो प्रणाली का उपयोग कर कंपनियां प्रदेश में प्रवेश करें उसी तारतम्य में वे धरातल पर अपना कार्य भी प्रारम्भ करें।

प्रचलन यह है कि कागजों पर करोड़ों-अरबों का निवेश करने वाली अधिकांश कंपनियां व्यापार के सरलीकरण का समस्त लाभ लेकर बिना कुछ किए कुछ वर्षों में अंतर्ध्यान हो जाती हैं। ये कंपनियां शायद ऐसे खोखले अस्तित्व अथवा विस्तार की आड़ में बैंकों और वित्तीय संस्थानों की आँख में धूल झोंकती हैं या फिर किसी अन्य प्रकार का लाभ लेती हैं, लेकिन प्रदेश को इसके एवज में मिलता है शून्य।

कंपनियां आ रही हैं, स्वागत है, परन्तु काम शुरू करें। आपका भौतिक अस्तित्व रोजगार व स्वरोजगार निर्माण के द्वार खोलेगा, सहायक उद्योग भी खुलेंगे। सरकार का इरादा अच्छा है इसलिए आपको आमंत्रित करती है, आप भी अपनी नियत साफ रखें। सक्रिय उद्योगों की संख्या बढ़ेगी तो प्रदेश के प्रति देश-विदेश की नई कंपनियों का आकर्षण बढ़ेगा। जब घर में काम मिलेगा तो जो बाहर हैं वे भी लौटेंगे, प्रतिभाओं की वापसी होगी। कंपनियों को स्थानीय स्तर पर हर रेंज का मानव संसाधन मिलेगा।

यह पूरा चक्र मूलभूत सुविधाओं के बिना अधूरा कहलाएगा। पहले सड़क, बिजली और पानी मूलभूत सुविधा थे। अब स्थिति बदल गई है। अतीत में जो विलासिता की श्रेणी में आते थे, वे अब आवश्यकता बन गए हैं। इसलिए मूलभूत सुविधाओं की सूची में विस्तार हुआ है। ऐसी प्रत्येक सुविधा कागज में नहीं, वास्तविक हो यह सुनिश्चित की जाए। प्रदेश की अधोसंरचनात्मक गतिविधियों में भी तेजी लाना होगा। इसके लिए उच्च गुणवत्ता और समय-सीमा मुख्य का विशेष ध्यान रखना होगा।

परिवहन एक और महत्वपूर्ण कारक है। साथ ही पर्यटन सेक्टर को भी अपग्रेड करने की आवश्यकता है। अंतरराष्ट्रीय विमानतल, वायु मार्ग से देश-विदेश के मुख्य शहरों की कनेक्टिविटी और एक्सप्रेस-वे, फ्लाईओवर में बढ़ोतरी से नए उद्योगों के संग संग पर्यटक भी आएंगे।

विस्तृत विकल्प प्रदेश के प्रतिभाशाली वर्ग की घर वापसी का मार्ग प्रशस्त करेंगे। फिर अपने बच्चों की बाट जोहते माता-पिता भी कह सकेंगे – आजा उम्र बहुत है छोटी, अपने घर में भी है रोटी…

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