GST Reforms: Diwali तक बहुत कुछ बदलेगा, 10 points

Delhi: GST सुधारों पर केंद्र सरकार की आगामी योजनाएँ 10 पॉइंट्स में –
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दिवाली तक अगली पीढ़ी के GST सुधार लागू होंगे
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प्रधानमंत्री मोदी ने घोषणा की कि इस दिवाली तक बड़े GST सुधार लाए जाएंगे।
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इन सुधारों का उद्देश्य छोटे व्यवसायों और आम लोगों पर टैक्स बोझ को कम करना है।
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मल्टी-स्लैब संरचना को दो-स्लैब व्यवस्था से बदला जाएगा
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वर्तमान में कई टैक्स स्लैब (0%, 5%, 12%, 18%, 28%) हैं।
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सरकार अब केवल दो स्लैब – स्टैंडर्ड और मेरिट – करने का प्रस्ताव दे रही है।
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तीन मुख्य स्तंभों पर आधारित होंगे सुधार
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संरचनात्मक सुधार
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रेट रेशनलाइजेशन (दर तर्कसंगतीकरण)
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ईज़ ऑफ लिविंग (जीवन को आसान बनाना)
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जीएसटी परिषद और राज्यों के साथ व्यापक चर्चा
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प्रस्तावों पर निर्णय लेने के लिए जीएसटी परिषद की कई बैठकें दिवाली से पहले होंगी।
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राज्यों को होने वाले संभावित राजस्व नुकसान पर विस्तृत चर्चा की जाएगी।
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रेट रेशनलाइजेशन के अतिरिक्त उद्देश्य
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उल्टे शुल्क ढांचे (inverted duty structure) को ठीक करना।
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वर्गीकरण से जुड़े विवादों को कम करना।
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टैक्स दरों को स्थिर करना और व्यापार करना आसान बनाना।
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जरूरी और आकांक्षात्मक वस्तुओं पर टैक्स घटाने का लक्ष्य
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सामान्य उपयोग की वस्तुओं और आकांक्षात्मक उत्पादों (जैसे साइकिल, पैक्ड पानी, फूड डिलीवरी आदि) पर टैक्स में कमी की योजना।
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इससे उपभोग बढ़ेगा और अधिक लोगों को ये वस्तुएं सुलभ होंगी।
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लग्ज़री और ‘सिन’ गुड्स पर विशेष दरें बनी रहेंगी
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महंगी घड़ियां, रेडीमेड गारमेंट्स, शराब व तंबाकू जैसी वस्तुओं पर विशेष उच्च दरें जारी रहेंगी।
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एविएशन टरबाइन फ्यूल (ATF) को भी GST के तहत लाने पर विचार
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एटीएफ को GST के दायरे में लाने से एयरलाइनों की लागत कम होगी, जिससे टिकटों पर प्रभाव पड़ सकता है।
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राज्यों के साथ सहमति बनाने का प्रयास
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केंद्र “सहकारी संघवाद” की भावना से राज्यों के साथ मिलकर निर्णय करेगा।
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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सभी हितधारकों से चर्चा कर रहे हैं।
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वर्तमान वित्त वर्ष में ही सुधार लागू करने का प्रयास
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जीएसटी परिषद की अगली बैठक में GoM की सिफारिशों पर विचार किया जाएगा।
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लक्ष्य है कि सुधारों का लाभ इसी वित्तीय वर्ष में दिखाई दे।