
Ahmedabad
भारत में चिप निर्माण की बड़ी शुरुआत
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₹1.6 ट्रिलियन निवेश स्वीकृत – सरकार ने अब तक 10 प्रोजेक्ट्स के लिए कुल ₹1.6 ट्रिलियन (₹1.6 लाख करोड़) निवेश को मंजूरी दी है, ताकि घरेलू सेमीकंडक्टर (चिप) इकोसिस्टम विकसित किया जा सके।
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पहली मेड-इन-इंडिया चिप – मुरुगप्पा ग्रुप की सहायक कंपनी CG Semi (CG Power की सब्सिडियरी) इस साल के अंत तक पहली भारत-निर्मित चिप लॉन्च करेगी।
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चार कंपनियां पायलट रोलआउट में शामिल –
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CG Semi
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Micron
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Tata Electronics
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Kaynes Technology
ये कंपनियां इस साल पायलट प्रोडक्शन से चिप प्रोटोटाइप लॉन्च करेंगी और अगले साल से व्यावसायिक (commercial) उत्पादन शुरू करेंगी।
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आईटी मंत्री का बयान – अश्विनी वैष्णव ने कहा कि चारों स्वीकृत यूनिट्स इस साल अपनी पायलट लाइन पूरी कर लेंगी, जबकि बड़े पैमाने पर फैब (fabrication units) बनने में समय लगेगा।
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Micron प्रोजेक्ट – जून 2023 में $2.75 बिलियन की लागत वाले प्रोजेक्ट को मंजूरी मिली थी। मंत्री ने कहा कि “Micron का पायलट लाइन जल्द शुरू होगी, लेकिन यह बहुत बड़े पैमाने का प्रोजेक्ट है।”
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भारत सेमीकंडक्टर मिशन (ISM) –
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₹76,000 करोड़ की योजना के तहत अब तक 10 प्रोजेक्ट्स मंजूर।
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इनमें चार बड़े प्रोजेक्ट (Micron, CG Semi, Tata Electronics, Kaynes) लगभग ₹66,000 करोड़ के निवेश से स्थापित हो रहे हैं।
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Kaynes Technology –
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Sanand (गुजरात) स्थित OSAT सुविधा दिसंबर 2025 तक पूरी तरह कमर्शियल उत्पादन शुरू करेगी।
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Q4FY26 (मार्च 2026 तिमाही) तक चिप सप्लाई शुरू होगी।
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कंपनी ने अभी तक तीन क्लाइंट्स को ऑनबोर्ड किया है।
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Tata Electronics – गुजरात के धोलेरा में ₹91,000 करोड़ के निवेश से चिप फैब्रिकेशन प्लांट स्थापित कर रही है।
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CG Semi की योजनाएँ –
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Renesas और Stars Microelectronics के साथ साझेदारी।
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₹7,600 करोड़ निवेश (5 वर्षों में) से Sanand (गुजरात) में दो हाई-टेक चिप सुविधाएं।
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सरकार से 50% कैपिटल सपोर्ट और राज्य सरकार से अतिरिक्त आर्थिक मदद।
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अब तक ₹400 करोड़ निवेश और 170 लोगों को रोजगार।
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2027 से मुख्य बड़ा प्लांट प्रोडक्शन शुरू करेगा।
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रोजगार सृजन और उत्पादन क्षमता –
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मिनी प्लांट की क्षमता: 5 लाख चिप यूनिट्स प्रतिदिन (2026 तक 1.45 करोड़ यूनिट्स प्रतिदिन)।
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कुल रोजगार: आने वाले वर्षों में 5,000 से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष नौकरियाँ।
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CG Power चेयरमैन वेल्लायन सुब्बैया का संदेश –
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उद्योगों को घरेलू चिप्स अपनाने की अपील।
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चीन का उदाहरण देते हुए कहा कि स्थानीय चिप उपयोग से ही उनका इकोसिस्टम मजबूत हुआ।
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