BankingDelhiMaharashtraMarketMSMENewsTaxYour Money

Bank of India Declares RCom, Anil Ambani Fraud, 13 Points

Delhi / Mumbai


  1. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के बाद अब बैंक ऑफ इंडिया ने दिवालिया हो चुकी रिलायंस कम्युनिकेशंस (RCom) के लोन खाते को फ्रॉड घोषित कर दिया है और इसके पूर्व निदेशक अनिल अंबानी का नाम भी जोड़ा है।

  2. बैंक ऑफ इंडिया ने अगस्त 2016 में 700 करोड़ रुपये का लोन RCom को दिया था, जो पूंजीगत व परिचालन खर्च और पुरानी देनदारियों के भुगतान के लिए था।

  3. अक्टूबर 2016 में दिए गए इस लोन की आधी राशि को कंपनी ने फिक्स्ड डिपॉजिट में लगा दिया, जबकि यह कदम बैंक की मंजूरी की शर्तों के खिलाफ था।

  4. RCom को 22 अगस्त को बैंक ऑफ इंडिया का पत्र (दिनांक 8 अगस्त) मिला, जिसमें कंपनी, अनिल अंबानी (प्रवर्तक और पूर्व निदेशक) व मंजरी अशोक कक्कर (पूर्व निदेशक) को फ्रॉड अकाउंट घोषित करने की सूचना दी गई।

  5. इससे पहले जून 2023 में SBI ने भी RCom और अनिल अंबानी पर बैंक धन के दुरुपयोग और लोन शर्तों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए इन्हें फ्रॉड घोषित किया था।

  6. SBI की शिकायत पर सीबीआई (CBI) ने शनिवार को RCom से जुड़ी जगहों और अंबानी के घर पर छापे मारे।

  7. सीबीआई ने बताया कि SBI को ₹2,929.05 करोड़ का नुकसान हुआ है, जो RCom और अंबानी द्वारा कथित गड़बड़ियों का नतीजा है।

  8. अनिल अंबानी के प्रवक्ता ने सभी आरोपों का कड़ा खंडन किया और कहा कि अंबानी अपना बचाव करेंगे।

    • प्रवक्ता ने कहा कि यह मामला 10 साल से अधिक पुराना है।

    • उस समय अंबानी केवल नॉन-एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर थे और दैनिक संचालन में शामिल नहीं थे।

    • SBI ने पाँच अन्य नॉन-एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर्स पर से पहले ही कार्यवाही वापस ले ली थी, फिर भी अंबानी को टारगेट किया गया है।

  9. RCom ने अपनी फाइलिंग में बताया कि उसकी सहायक कंपनी रिलायंस टेलीकॉम लिमिटेड (RTL) को भी बैंक ऑफ इंडिया से पत्र मिला है, जिसमें कंपनी और ग्रेस थॉमस (पूर्व निदेशक, RTL) सहित कुछ अन्य को भी फ्रॉड अकाउंट घोषित किया गया है।

  10. बैंकिंग नियमों के अनुसार:

    • एक बार अकाउंट फ्रॉड घोषित होने पर मामला प्रवर्तन एजेंसियों को भेजना अनिवार्य है।

    • उधारकर्ता को पाँच साल तक बैंकों व अन्य संस्थानों से नया कर्ज लेने से रोका जाता है।

  11. बैंक ऑफ इंडिया के पत्र में कहा गया कि RCom 30 जून 2017 को NPA (नॉन-परफॉर्मिंग एसेट) हो गया था, उस समय उस पर ₹724.78 करोड़ बकाया था।

  12. RCom ने अप्रैल में खुलासा किया था कि मार्च तक उसका कुल कर्ज ₹40,400 करोड़ है।

  13. बकाया चुकाने में विफल रहने के कारण कंपनी को दिवालियापन प्रक्रिया में भेजा गया।

    • कंपनी की निगरानी अब क्रेडिटर्स की समिति (CoC) कर रही है, जिसका नेतृत्व SBI कर रहा है और जिसे एक रेज़ोल्यूशन प्रोफेशनल देख रहा है।


Related Articles

Back to top button