AutoBankingDelhiMarketMSMENewsReal EstateTaxYour Money

Make In India Products Worth $161 Billion Can Go To China, How? 24 Points

Delhi


चीन के साथ भारत का $161 अरब का अप्रयुक्त निर्यात अवसर

  1. अध्ययन का नाम“Calibrating India’s Economic Engagement Strategy with China Amidst the Changing Geopolitical Landscape” (ICRIER द्वारा)।

  2. भारत-चीन व्यापार स्थिति (2024-25):

    • भारत का आयात: $113.5 अरब

    • भारत का निर्यात: $14.3 अरब

    • व्यापार घाटा: $99.2 अरब (रिकॉर्ड स्तर)

  3. FDI स्थिति: पिछले दशक में चीन से मात्र $886 मिलियन का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आया।


अध्ययन में उठाए गए तीन प्रमुख प्रश्न

  1. भारत चीन को अपने निर्यात को कैसे बढ़ा और विविधीकृत कर सकता है?

  2. भारत चीन पर आयात निर्भरता कैसे कम कर सकता है?

  3. उपयुक्त सुरक्षा उपायों के साथ चीन से FDI को कैसे बढ़ाया जा सकता है?


भारत का अप्रयुक्त निर्यात अवसर

  1. भारत का अप्रयुक्त निर्यात अवसर: $161 अरब (वर्तमान निर्यात का लगभग 10 गुना)।

  2. इसमें 74% हिस्सा मध्यम और उच्च-तकनीकी क्षेत्रों का है।

  3. वर्तमान निर्यात मुख्यतः प्राथमिक और संसाधन-आधारित क्षेत्रों तक सीमित है।

  4. उच्च संभावनाओं वाले निर्यात उत्पाद: टेलीफोन सेट, विमान, टर्बोजेट, मोटर वाहन पार्ट्स, फोटो-सेमीकंडक्टर डिवाइस आदि।


निर्यात बाधाएँ और समाधान

  1. बड़े निर्यात अवसरों का लाभ टैरिफ और नॉन-टैरिफ बाधाओं (NTBs) के कारण सीमित रहा है।

  2. सुझाव:

    • भारत-चीन को संयुक्त टास्क फोर्स बनानी चाहिए।

    • पारदर्शिता बढ़ाने, फेयर टेस्टिंग और WTO-अनुपालन संचार पर जोर देना चाहिए।

  3. भारत को अपने गुणवत्ता मानकों को अपग्रेड करना होगा ताकि प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़े और व्यापार प्रतिबंधों की मार कम हो।


आयात पर निर्भरता और रणनीति

  1. भारत की चीन पर भारी निर्भरता मुख्यतः इंटरमीडिएट और कैपिटल गुड्स में है।

  2. पूर्ण रूप से डिकपलिंग अवास्तविक है, क्योंकि चीन ग्लोबल वैल्यू चेन में गहराई से जुड़ा है।

  3. सुझाव:

    • भारत को PLI स्कीम के तहत टारगेटेड चीनी FDI आकर्षित करना चाहिए।

    • विशेष रूप से इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल और फार्मास्यूटिकल्स में निवेश से घरेलू क्षमता, सप्लाई चेन और तकनीक हस्तांतरण मजबूत होगा।


वैकल्पिक आपूर्ति और प्रतिस्पर्धा

  1. भारत को अप्रतिस्पर्धी आयातों को कम करना चाहिए।

  2. विकल्प: वियतनाम, दक्षिण कोरिया, UAE जैसे सस्ते और प्रतिस्पर्धी आपूर्तिकर्ताओं से आयात बढ़ाना।

  3. भारत के अप्रतिस्पर्धी आयात लगभग $30 अरब हैं, जिनमें मुख्यतः मशीनरी, इलेक्ट्रॉनिक्स और केमिकल्स आते हैं।

  4. ये आयात शीर्ष 50 उत्पादों के कुल मूल्य का लगभग दो-तिहाई हिस्सा हैं।


FDI नीति और आगे की राह

  1. भारत को प्रेस नोट 3 (जो पड़ोसी देशों से FDI पर सरकारी स्वीकृति अनिवार्य करता है) की समीक्षा करनी चाहिए।

  2. सुझाव:

    • संवेदनशील क्षेत्रों में FDI पर प्रतिबंध रहे।

    • गैर-रणनीतिक क्षेत्रों में मजबूत सुरक्षा उपायों के साथ निवेश प्रोत्साहित किया जाए।

  3. एक केंद्रीय अंतर-एजेंसी समिति बनाई जाए जो FDI अनुमोदन को सरल बनाए और सुरक्षा जोखिमों को प्रबंधित करे।

  4. भारत-चीन के बीच 2013-2019 के बीच हुए MoUs जैसे तंत्र को फिर से सक्रिय करना चाहिए ताकि संवाद और सहयोग के लिए नियमित और संस्थागत रास्ते बने।


Related Articles

Back to top button