India’s Hydrogen Economy: In The Making, Contributors – 5 Companies, 7 points

Delhi
भारत की हाइड्रोजन अर्थव्यवस्था बनाने वाले 5 दिग्गज
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हाइड्रोजन का महत्व
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जल को जीवन कहा गया है, और अब इसे तोड़कर (इलेक्ट्रोलिसिस द्वारा) हाइड्रोजन बनाया जा रहा है।
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ग्रीन हाइड्रोजन: पानी के इलेक्ट्रोलिसिस या बायोमास गैसीफिकेशन से बनने वाला स्वच्छ ईंधन।
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लक्ष्य:
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ऊर्जा स्वतंत्रता (2047 तक)
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नेट-ज़ीरो उत्सर्जन (2070 तक)
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उपयोग: परिवहन, इस्पात, उर्वरक, नवीकरणीय ऊर्जा बैकअप।
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भारत का “नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन” (2023) – ₹19,744 करोड़, 5 MMT वार्षिक उत्पादन लक्ष्य।
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NTPC (नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन)
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बिजली उत्पादन, ऊर्जा व्यापार, कोयला खनन, तेल-गैस अन्वेषण में सक्रिय।
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उपलब्धियां:
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नवंबर 2024: लेह (लद्दाख) में विश्व का सबसे ऊँचा ग्रीन हाइड्रोजन रिफ्यूलिंग स्टेशन।
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डैडरी व ग्रेटर नोएडा में माइक्रोग्रिड प्रोजेक्ट।
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CO₂ से मेथनॉल बनाने वाला प्लांट (3,000 टन प्रतिवर्ष)।
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भविष्य: आंध्रप्रदेश (पुदिमडाका) में US$ 21 बिलियन का ग्रीन हाइड्रोजन हब (भारत का पहला इंटीग्रेटेड हब)।
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शेयर प्रदर्शन: 1 साल में -16.5%।
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GAIL (गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड)
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प्राकृतिक गैस कंपनी, LNG, पेट्रोकेमिकल ट्रेडिंग व शेल गैस संपत्ति।
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लक्ष्य: नेट-ज़ीरो (स्कोप 1 और 2) – 2035 तक।
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उपलब्धियां:
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मप्र (विजयपुर) में पहला 10 MW PEM इलेक्ट्रोलाइज़र, 4.3 TPD क्षमता।
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2024-25 में 120 MT उत्पादन।
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BITS पिलानी, IIT-BHU, CSIR-IIP के साथ हाइड्रोजन R&D।
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साझेदारी: नवीकरणीय ऊर्जा व CBG पर भी निवेश।
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शेयर प्रदर्शन: 1 साल में -24.8%।
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HPCL (हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड)
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रिफाइनिंग और पेट्रोलियम उत्पाद विपणन।
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उपलब्धियां:
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विशाख में पहला ग्रीन हाइड्रोजन रिफाइनरी यूनिट (370 TPA क्षमता)।
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5,000 TPA ग्रीन हाइड्रोजन के लिए वैश्विक टेंडर।
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2027-28 तक लक्ष्य: 16,870 TPA क्षमता।
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साझेदारी: HPCL Renewable & Green Energy के तहत नई परियोजनाएँ।
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लक्ष्य: नेट-ज़ीरो (2040 तक)।
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शेयर प्रदर्शन: 1 साल में -1.4%।
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BPCL (भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड)
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रिफाइनिंग और पेट्रोलियम विपणन।
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उपलब्धियां:
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बीना रिफाइनरी में 5 MW ग्रीन हाइड्रोजन यूनिट।
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कोच्चि में हाइड्रोजन रिफ्यूलिंग स्टेशन (निर्माणाधीन)।
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BARC के साथ स्वदेशी इलेक्ट्रोलाइज़र (500 kW) की स्थापना।
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SMR आधारित ग्रीन हाइड्रोजन प्रक्रिया (उत्सर्जन में 15% कटौती)।
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बायोमास आधारित प्रोजेक्ट (2,000 TPA) – SIGHT योजना के तहत।
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लक्ष्य: 2035 तक 10 GW ग्रीन एनर्जी पोर्टफोलियो।
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शेयर प्रदर्शन: 1 साल में -8.5%।
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Adani Enterprises (अडानी एंटरप्राइजेज)
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खनन, इन्फ्रास्ट्रक्चर, हवाई अड्डे, डेटा सेंटर, डिफेंस आदि क्षेत्रों में सक्रिय।
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उपलब्धियां:
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जून 2025: मुंद्रा में 5 MW ऑफ-ग्रिड ग्रीन हाइड्रोजन डेमो प्लांट।
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ANIL (Adani New Industries) द्वारा 300 MW इलेक्ट्रोलाइज़र प्लांट और टेस्ट लैब।
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FY25 में रिन्यूएबल एनर्जी कारोबार में 108% EBITDA वृद्धि।
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भविष्य:
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3 गीगा-स्केल इलेक्ट्रोलाइज़र प्लांट।
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USD 100 बिलियन का ग्रीन इन्वेस्टमेंट।
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शेयर प्रदर्शन: 1 साल में -22.1%।
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निष्कर्ष
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हाइड्रोजन भारत की अगली ऊर्जा क्रांति हो सकती है।
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चुनौतियाँ: स्केल, लागत, तकनीक, और सही कार्यान्वयन।
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इन कंपनियों के लिए हाइड्रोजन सिर्फ एक हिस्सा है; मुख्य कारोबार अब भी रिफाइनिंग, गैस, पेट्रोकेमिकल, नवीकरणीय ऊर्जा हैं।
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अवसर विशाल हैं, लेकिन यह उद्योग अभी शुरुआती चरण में है।
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