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India’s Hydrogen Economy: In The Making, Contributors – 5 Companies, 7 points

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भारत की हाइड्रोजन अर्थव्यवस्था बनाने वाले 5 दिग्गज

  1. हाइड्रोजन का महत्व

    • जल को जीवन कहा गया है, और अब इसे तोड़कर (इलेक्ट्रोलिसिस द्वारा) हाइड्रोजन बनाया जा रहा है।

    • ग्रीन हाइड्रोजन: पानी के इलेक्ट्रोलिसिस या बायोमास गैसीफिकेशन से बनने वाला स्वच्छ ईंधन।

    • लक्ष्य:

      • ऊर्जा स्वतंत्रता (2047 तक)

      • नेट-ज़ीरो उत्सर्जन (2070 तक)

    • उपयोग: परिवहन, इस्पात, उर्वरक, नवीकरणीय ऊर्जा बैकअप।

    • भारत का “नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन” (2023) – ₹19,744 करोड़, 5 MMT वार्षिक उत्पादन लक्ष्य।


  1. NTPC (नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन)

    • बिजली उत्पादन, ऊर्जा व्यापार, कोयला खनन, तेल-गैस अन्वेषण में सक्रिय।

    • उपलब्धियां:

      • नवंबर 2024: लेह (लद्दाख) में विश्व का सबसे ऊँचा ग्रीन हाइड्रोजन रिफ्यूलिंग स्टेशन।

      • डैडरी व ग्रेटर नोएडा में माइक्रोग्रिड प्रोजेक्ट।

      • CO₂ से मेथनॉल बनाने वाला प्लांट (3,000 टन प्रतिवर्ष)।

    • भविष्य: आंध्रप्रदेश (पुदिमडाका) में US$ 21 बिलियन का ग्रीन हाइड्रोजन हब (भारत का पहला इंटीग्रेटेड हब)।

    • शेयर प्रदर्शन: 1 साल में -16.5%


  1. GAIL (गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड)

    • प्राकृतिक गैस कंपनी, LNG, पेट्रोकेमिकल ट्रेडिंग व शेल गैस संपत्ति।

    • लक्ष्य: नेट-ज़ीरो (स्कोप 1 और 2) – 2035 तक।

    • उपलब्धियां:

      • मप्र (विजयपुर) में पहला 10 MW PEM इलेक्ट्रोलाइज़र, 4.3 TPD क्षमता।

      • 2024-25 में 120 MT उत्पादन।

      • BITS पिलानी, IIT-BHU, CSIR-IIP के साथ हाइड्रोजन R&D।

    • साझेदारी: नवीकरणीय ऊर्जा व CBG पर भी निवेश।

    • शेयर प्रदर्शन: 1 साल में -24.8%


  1. HPCL (हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड)

    • रिफाइनिंग और पेट्रोलियम उत्पाद विपणन।

    • उपलब्धियां:

      • विशाख में पहला ग्रीन हाइड्रोजन रिफाइनरी यूनिट (370 TPA क्षमता)।

      • 5,000 TPA ग्रीन हाइड्रोजन के लिए वैश्विक टेंडर।

      • 2027-28 तक लक्ष्य: 16,870 TPA क्षमता।

    • साझेदारी: HPCL Renewable & Green Energy के तहत नई परियोजनाएँ।

    • लक्ष्य: नेट-ज़ीरो (2040 तक)।

    • शेयर प्रदर्शन: 1 साल में -1.4%


  1. BPCL (भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड)

    • रिफाइनिंग और पेट्रोलियम विपणन।

    • उपलब्धियां:

      • बीना रिफाइनरी में 5 MW ग्रीन हाइड्रोजन यूनिट।

      • कोच्चि में हाइड्रोजन रिफ्यूलिंग स्टेशन (निर्माणाधीन)।

      • BARC के साथ स्वदेशी इलेक्ट्रोलाइज़र (500 kW) की स्थापना।

      • SMR आधारित ग्रीन हाइड्रोजन प्रक्रिया (उत्सर्जन में 15% कटौती)।

      • बायोमास आधारित प्रोजेक्ट (2,000 TPA) – SIGHT योजना के तहत।

    • लक्ष्य: 2035 तक 10 GW ग्रीन एनर्जी पोर्टफोलियो।

    • शेयर प्रदर्शन: 1 साल में -8.5%


  1. Adani Enterprises (अडानी एंटरप्राइजेज)

    • खनन, इन्फ्रास्ट्रक्चर, हवाई अड्डे, डेटा सेंटर, डिफेंस आदि क्षेत्रों में सक्रिय।

    • उपलब्धियां:

      • जून 2025: मुंद्रा में 5 MW ऑफ-ग्रिड ग्रीन हाइड्रोजन डेमो प्लांट।

      • ANIL (Adani New Industries) द्वारा 300 MW इलेक्ट्रोलाइज़र प्लांट और टेस्ट लैब।

      • FY25 में रिन्यूएबल एनर्जी कारोबार में 108% EBITDA वृद्धि।

    • भविष्य:

      • 3 गीगा-स्केल इलेक्ट्रोलाइज़र प्लांट।

      • USD 100 बिलियन का ग्रीन इन्वेस्टमेंट।

    • शेयर प्रदर्शन: 1 साल में -22.1%


  1. निष्कर्ष

    • हाइड्रोजन भारत की अगली ऊर्जा क्रांति हो सकती है।

    • चुनौतियाँ: स्केल, लागत, तकनीक, और सही कार्यान्वयन।

    • इन कंपनियों के लिए हाइड्रोजन सिर्फ एक हिस्सा है; मुख्य कारोबार अब भी रिफाइनिंग, गैस, पेट्रोकेमिकल, नवीकरणीय ऊर्जा हैं।

    • अवसर विशाल हैं, लेकिन यह उद्योग अभी शुरुआती चरण में है।


👉 यह केवल शिक्षण एवं जानकारी साझा करने हेतु है, निवेश सलाह नहीं।

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