GST Reforms: Is Low Price Home Possible? 16 Points

Delhi
जीएसटी सुधार और हाउसिंग पर असर
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सरकार ने जीएसटी दरों को केवल 5% और 18% पर सीमित करने का प्रस्ताव दिया है।
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सीमेंट पर जीएसटी 28% से घटकर 18% हो सकता है, जिससे रियल एस्टेट डेवलपर्स की लागत कम होगी।
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इससे सीमेंट, स्टील और अन्य निर्माण सामग्री की लागत घटेगी और अनुपालन (compliance) भी सरल होगा।
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सवाल यह है कि क्या यह बदलाव आवासीय कीमतें कम करेगा, खासकर किफायती आवास (Affordable Housing) में।
आवासीय श्रेणियों पर असर
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किफायती आवास (Affordable Housing) – इस पर अभी 1% जीएसटी है, इसलिए असर सीमित रहेगा।
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यदि इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) वापस आता है तो कीमतें 2–4% तक घट सकती हैं।
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मिड-सेगमेंट हाउसिंग – जीएसटी 5% से घटकर 3% होने पर 2–3% तक कीमतें कम हो सकती हैं।
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लक्ज़री हाउसिंग – इनपुट कॉस्ट कम होगी लेकिन लक्ज़री आइटम्स पर 40% जीएसटी लगेगा, इसलिए कीमतों में कमी की संभावना कम।
निर्माण लागत (Construction Cost)
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मुंबई, दिल्ली-NCR और बेंगलुरु सबसे महंगे शहर हैं।
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लक्ज़री हाउसिंग: ₹5,000 प्रति वर्ग फुट से अधिक।
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मिड-रेंज: ₹2,000–2,800 प्रति वर्ग फुट।
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किफायती आवास: ₹1,500–2,000 प्रति वर्ग फुट।
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2019 से 2024 के बीच निर्माण लागत लगभग 40% बढ़ी है।
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केवल 2021 से 2024 के बीच ही 27.3% की वृद्धि हुई।
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अक्टूबर 2021 में टियर-1 शहरों में निर्माण लागत ₹2,200 प्रति वर्ग फुट थी, जो 2024 में ₹2,800 हो गई।
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हाउसिंग सेगमेंट के अनुसार निर्माण लागत
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किफायती आवास – सामान्य सामग्री व बेसिक फिनिशिंग, लागत ₹1,500–2,000 प्रति वर्ग फुट।
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मिड-रेंज हाउसिंग – बेहतर सामग्री, ब्रांडेड फिटिंग्स, लागत ₹2,000–2,800 प्रति वर्ग फुट।
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लक्ज़री हाउसिंग – इंपोर्टेड फिनिशिंग, एडवांस डिज़ाइन, उच्च सुविधाएं, लागत ₹3,000–5,000 प्रति वर्ग फुट या अधिक।
निर्माण लागत का संपत्ति की कीमतों पर प्रभाव
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खरीदारों पर असर – डेवलपर्स बढ़ी हुई लागत का 5–6% हिस्सा खरीदारों पर डालते हैं।
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किफायती आवास में ₹500–800 प्रति वर्ग फुट की बढ़ोतरी से खरीदारों पर ₹5 लाख तक का अतिरिक्त बोझ आ सकता है।
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डेवलपर्स के मुनाफे पर असर –
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छोटे डेवलपर्स (किफायती आवास वाले) को मुनाफा कम होने से प्रोजेक्ट लॉन्च धीमे करने पड़े।
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बड़े व लक्ज़री डेवलपर्स उच्च मुनाफे और ब्रांड वैल्यू के कारण लागत आसानी से झेल लेते हैं।
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खरीदार-निर्माता समझौते – अधिकतर एग्रीमेंट्स में Escalation Charges की शर्त होती है, जिससे निर्माण लागत बढ़ने पर कीमतें बढ़ाई जा सकती हैं।
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कुल आवासीय कीमतें – पिछले कुछ सालों में 9–12% वार्षिक बढ़ोतरी हुई है।
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प्रमुख कारण: निर्माण लागत में वृद्धि, जमीन महंगी होना, और कम इन्वेंटरी।
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मेट्रो शहरों में कीमतें सबसे तेज़ी से बढ़ी हैं, छोटे शहरों में असर कम रहा है।
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