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India-China Business Politics: Fertilizer, rare-earths will come again, 9 points

US upset, It's Hindi-Chini bhai bhai again

  1. महत्वपूर्ण द्विपक्षीय सकारात्मक परिणाम:
    18 अगस्त 2025 को चीन के विदेश मंत्री वांग यी की भारत यात्रा के दौरान, चीन ने भारत को आश्वासन दिया कि वह एक बार फिर उर्वरकों, रेयर-अर्थ मिनरल्स और टनल बोरिंग मशीनों (TBM) की आपूर्ति शुरू करेगा, जो पिछले वर्ष से रुकी हुई थी।

  2. उर्वरकों की आपूर्ति का मुद्दा प्रमुख एजेंडा में शामिल:
    विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने चीन के समक्ष यूरिया, NPK और DAP जैसे महत्वपूर्ण उर्वरकों की कमी का मुद्दा प्रमुखता से उठाया। भारत की कृषि आवश्यकताओं को देखते हुए इनकी नियमित आपूर्ति को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया गया।

  3. रेयर-अर्थ मिनरल्स और टनल बोरिंग मशीनों पर भी चर्चा:
    जयशंकर ने यह भी स्पष्ट किया कि ऑटो क्षेत्र के लिए उपयोग होने वाले रेयर-अर्थ मिनरल्स और सड़क व शहरी अवसंरचना परियोजनाओं के लिए जरूरी टनल बोरिंग मशीनों की आपूर्ति में रुकावट से भारत की कई परियोजनाएं प्रभावित हुईं हैं, इसलिए इनकी जल्द बहाली ज़रूरी है।

  4. ताइवान के मुद्दे पर भारत की स्थिति को दोहराया गया:
    बातचीत के दौरान भारत ने स्पष्ट रूप से कहा कि ताइवान के संबंध में उसके रुख में कोई बदलाव नहीं आया है। भारत वैश्विक नीति के अनुरूप केवल सांस्कृतिक और आर्थिक स्तर पर संबंध बनाए हुए है।

  5. अमेरिका की नीतियाँ चर्चा का पृष्ठभूमि बनीं:
    यद्यपि बातचीत सौहार्दपूर्ण रही, लेकिन दोनों देशों ने माना कि अमेरिका की वर्तमान नीतियों के चलते वैश्विक स्थिति अस्थिर है, और यह भारत और चीन दोनों को प्रभावित कर सकती हैं।

  6. भारत-चीन संवाद बढ़ाने पर सहमति:
    दोनों पक्षों में यह आम धारणा बनी कि अमेरिका की निर्णय प्रक्रिया और नीतियाँ दोनों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकती हैं, इसीलिए अनिश्चितताओं से निपटने के लिए भारत और चीन को एक-दूसरे से संवाद और सहयोग बढ़ाना चाहिए।

  7. एक वर्ष बाद चीन की आपूर्ति बहाल होने का महत्व:
    लगभग एक वर्ष तक चीन ने भारत को इन महत्वपूर्ण सामग्रियों की आपूर्ति रोक दी थी। अब जब चीन पुनः आपूर्ति देने को तैयार है, यह द्विपक्षीय संबंधों के सामान्य होने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

  8. भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए चीन की भूमिका:

    • चीन भारत को लगभग 30% उर्वरक आपूर्ति करता है, जो भारतीय कृषि क्षेत्र के लिए अत्यंत आवश्यक है।

    • ऑटोमोबाइल उद्योग में उपयोग होने वाले रेयर-अर्थ मिनरल्स का बड़ा भाग भी चीन से आता है।

    • सड़क और मेट्रो जैसी अवसंरचना परियोजनाओं के लिए टनल बोरिंग मशीनों की आपूर्ति का प्रमुख स्रोत भी चीन ही है।

  9. आने वाले समय में सहयोग बढ़ने की उम्मीद:
    विशेषज्ञों का मानना है कि इस समझौते के बाद दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग में सुधार देखने को मिलेगा और यह कदम क्षेत्र की स्थिरता के लिए भी सकारात्मक माना जा रहा है।

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