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Airport Lounge: Who’s Paying For Your Free Dine? 12 Points

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एयरपोर्ट लाउंज: मुफ्त क्यों लगते हैं और असल में पैसा कौन देता है?

  1. एयरपोर्ट लाउंज का आकर्षण

    • यात्रियों को शांति, मुफ्त खाना-पीना, रिक्लाइनर, वाई-फाई, चार्जिंग पॉइंट्स और कभी-कभी स्पा/स्लीपिंग पॉड जैसी सुविधाएँ मिलती हैं।

    • दिखता है “फ्री”, लेकिन सवाल है—खर्च कौन उठाता है?

  2. डेटा एनालिस्ट सूरज कुमार तलरेजा की व्याख्या

    • ज़्यादातर लोग कार्ड (क्रेडिट/डेबिट) स्वाइप करके प्रवेश करते हैं।

    • यात्री से सीधा पैसा नहीं लिया जाता, लेकिन बैंक या नेटवर्क (Visa/Mastercard/Amex) लाउंज ऑपरेटर को भुगतान करते हैं।

    • यह बैंक के लॉयल्टी और कस्टमर-एक्विज़िशन कॉस्ट का हिस्सा होता है।

  3. प्रति विज़िट लागत

    • भारत में: ₹600 से ₹1,200 प्रति विज़िट (डोमेस्टिक लाउंज)।

    • अंतरराष्ट्रीय: $25 से $35 प्रति विज़िट (Priority Pass, LoungeKey आदि के ज़रिए)।

  4. लाउंज कैसे कमाते हैं?

    • बैंकों से प्रति विज़िट भुगतान।

    • बड़ी संख्या में कार्ड उपयोगकर्ताओं से वॉल्यूम।

    • कैटरिंग/एयरपोर्ट पार्टनरशिप से लागत कम करना।

    • कुछ यात्रियों को डायरेक्ट पेड-एंट्री पास बेचना (₹1,500–₹3,000)।

  5. लाउंज एक्सेस के चार प्रमुख रास्ते

    1. क्रेडिट और डेबिट कार्ड टाई-अप (सबसे लोकप्रिय)।

    2. इंटरनेशनल नेटवर्क्स (Priority Pass, DreamFolks आदि)।

    3. डायरेक्ट पेड एंट्री।

    4. बिज़नेस/फर्स्ट क्लास टिकट।

  6. बैंक क्यों चाहते हैं कि आप लाउंज जाएँ?

    • लाउंज एक्सेस = प्रिविलेज का अनुभव।

    • ग्राहक कार्ड ज़्यादा इस्तेमाल करता है → बैंक को ट्रांज़ैक्शन फीस मिलती है।

    • ग्राहक कार्ड से जुड़ा रहता है या प्रीमियम कार्ड में अपग्रेड करता है।

    • मनोविज्ञान + अर्थशास्त्र = ब्रांड लॉयल्टी।

  7. अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क्स की भूमिका

    • खुद लाउंज नहीं चलाते।

    • बैंक को बड़े पैमाने पर एक्सेस बेचते हैं और फिर लाउंज ऑपरेटर को भुगतान करते हैं।

  8. भारत में बूम और भीड़ की समस्या

    • अब लगभग हर दूसरे यात्री के पास कार्ड है → भीड़ ज़्यादा।

    • दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु एयरपोर्ट्स पर ओवरक्राउडिंग।

  9. नई पाबंदियाँ (बैंकों की ओर से)

    • साल में केवल 4 मुफ्त विज़िट (प्रति तिमाही)।

    • सप्लीमेंट्री कार्डधारकों पर रोक।

    • केवल डोमेस्टिक टर्मिनल एंट्री।

    • गेस्ट एंट्री पर रोक।

    • कार्ड इनएक्टिव होने पर लाउंज एक्सेस बंद।

    • प्रीमियम कार्ड (HDFC Infinia, Axis Reserve, Amex Platinum, ICICI Emeralde) अभी भी अनलिमिटेड/इंटरनेशनल विज़िट देते हैं।

  10. क्या लाउंज अब भी फ़ायदेमंद हैं?

    • एयरपोर्ट रेस्तरां की तुलना में ₹500–₹1,000 की बचत।

    • वाई-फाई, एसी, चार्जिंग, साफ़ टॉयलेट्स, कभी-कभी बेड और शॉवर।

    • लेकिन कुछ यात्रियों के लिए भीड़ और नियमों के कारण अनुभव खराब।

  11. मॉडल का फायदा किसे?

    • यात्री = आराम और बचत।

    • बैंक = लॉयल्टी और फीस।

    • लाउंज = स्थिर आय।

    • एयरपोर्ट = भीड़ प्रबंधन।

  12. निष्कर्ष

    • यात्रियों को “फ्री” लगता है, लेकिन असल में बैंक और नेटवर्क पूरा खर्च उठाते हैं।

    • हर कार्ड स्वाइप इस संतुलित बिज़नेस मॉडल का हिस्सा है।


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