India Reopens Doors For Chinese Citizens, 27 Points

Delhi
भारत ने चीनी पर्यटकों के लिए ई-वीज़ा फिर से शुरू किया
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पाँच साल के अंतराल के बाद भारत ने चीनी नागरिकों के लिए ई-वीज़ा सुविधा फिर से खोलने का निर्णय लिया है।
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यह सुविधा 24 जुलाई 2025 से लागू होगी, जिसकी घोषणा भारतीय दूतावास, बीजिंग ने की।
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यह कदम 2020 के गलवान घाटी संघर्ष और कोविड-19 प्रतिबंधों के कारण रुकी प्रक्रिया को समाप्त करता है।
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इसका उद्देश्य भारत-चीन संबंधों में सुधार, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देना है।
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2020 से पर्यटक ई-वीज़ा बंद था, जबकि अन्य श्रेणियों के वीज़ा धीरे-धीरे शुरू किए गए थे।
पर्यटन के लिए महत्व
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2019 में चीनी पर्यटक आगमन 3.4 लाख था, जो 2023 में घटकर मात्र 30,000 रह गया।
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ई-वीज़ा दोबारा शुरू होने से अनुमान है कि 2025-26 तक लगभग 2 लाख चीनी पर्यटक भारत आ सकते हैं।
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सबसे लोकप्रिय पैकेज गोल्डन ट्रायंगल टूर (दिल्ली-आगरा-जयपुर) है।
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चीनी पर्यटक मुख्यतः ताजमहल (आगरा), लालकिला व कुतुब मीनार (दिल्ली), आमेर किला और सिटी पैलेस (जयपुर) जैसी जगहों को प्राथमिकता देते हैं।
सांस्कृतिक और आर्थिक लाभ
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भारत-चीन के बीच बौद्ध धर्म के जरिए सदियों से सांस्कृतिक जुड़ाव रहा है।
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चीनी यात्री बोधगया, सारनाथ, नालंदा, कुशीनगर और कैलाश मानसरोवर जैसी धार्मिक जगहों पर अधिक आते हैं।
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ई-वीज़ा से आध्यात्मिक पर्यटन और पीपल-टू-पीपल कनेक्ट को बल मिलेगा।
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स्थानीय अर्थव्यवस्था को होटल, रेस्टोरेंट, परिवहन, हस्तशिल्प और स्मृति-चिह्न बाज़ारों से बड़ा लाभ होगा।
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विशेष रूप से दिल्ली, आगरा, जयपुर और बोधगया जैसे क्षेत्र रोज़गार और आय में वृद्धि देखेंगे।
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यात्रा कंपनियाँ अब मैंडरिन भाषा में पैकेज और स्थानीय अनुभवों के साथ कस्टम टूर बना सकेंगी।
किन्हें सबसे अधिक लाभ
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टूर ऑपरेटर – गोल्डन ट्रायंगल, राजस्थान और बौद्ध सर्किट जैसी थीम आधारित यात्राएँ बेच सकेंगे।
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हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री – होटल, रिसॉर्ट, गेस्टहाउस और रेस्टोरेंट्स की बुकिंग बढ़ेगी।
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स्थानीय व्यवसाय – हस्तशिल्प विक्रेता, स्ट्रीट फूड और स्मृति-चिह्न बाज़ारों को अधिक ग्राहक मिलेंगे।
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रिटेल व सर्विस सेक्टर – परिवहन व अन्य सेवाओं की माँग बढ़ेगी।
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इवेंट व एंटरटेनमेंट – भारतीय त्यौहारों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में चीनी पर्यटकों की भागीदारी बढ़ेगी।
वीज़ा प्रक्रिया में बदलाव
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चीनी नागरिक अब ऑनलाइन आवेदन भारतीय दूतावास की आधिकारिक वेबसाइट से कर सकते हैं।
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अपॉइंटमेंट बीजिंग, शंघाई और गुआंगज़ौ स्थित वीज़ा केंद्रों पर ली जा सकती है।
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दस्तावेज़ जमा कर बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन करवाना होगा और फिर वीज़ा स्वीकृति मिलेगी।
आगे की राह
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यह कदम भारत-चीन कूटनीतिक संबंधों में नया अध्याय खोलेगा।
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पर्यटन के पुनरुद्धार से आर्थिक विकास और सांस्कृतिक जुड़ाव दोनों को गति मिलेगी।
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भारतीय विरासत और आध्यात्मिक धरोहर को वैश्विक स्तर पर और अधिक पहचान मिलेगी।
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व्यापारिक और पर्यटन कंपनियों के लिए यह अवसर है कि वे नवीन पैकेज व अनुभव-आधारित सेवाएँ विकसित करें।