Sin Goods or Demerit Goods! What are they? 12 points

Delhi: GST Reforms / GST 2.0
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जीएसटी सुधार योजना (GST 2.0)
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस 2025 पर “नेक्स्ट-जेनरेशन GST सुधार” की घोषणा की थी।
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मौजूदा 12% और 28% टैक्स स्लैब हटाकर, अब केवल 5% और 18% स्लैब का प्रस्ताव है।
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इसके साथ ही 40% का नया स्लैब “सिन गुड्स” और लग्ज़री गुड्स के लिए बनाया जाएगा।
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सिन गुड्स (Sin Goods) क्या हैं?
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ऐसे उत्पाद जिन्हें समाज या स्वास्थ्य के लिए हानिकारक माना जाता है।
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इन पर सरकार ज्यादा टैक्स लगाती है ताकि खपत घटे और राजस्व बढ़े।
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40% GST स्लैब में आने वाले उत्पाद (प्रस्तावित सूची):
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तंबाकू व उससे जुड़े उत्पाद – सिगरेट, सिगार, पान मसाला, गुटका, चबाने वाला तंबाकू, हुक्का, निकोटिन सब्स्टिट्यूट्स
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शक्करयुक्त पेय पदार्थ – सोडा, कार्बोनेटेड ड्रिंक्स, कैफीन वाले सॉफ्ट ड्रिंक्स
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जुआ/सट्टेबाज़ी – लॉटरी टिकट, कैसीनो, ऑनलाइन गेमिंग/गैम्बलिंग
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वाहन – हाई-एंड लग्ज़री कारें (SUVs, 1500cc से ऊपर इंजन, 4 मीटर से लंबे वाहन)
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प्रोसेस्ड फूड्स – ज्यादा शक्कर, नमक या ट्रांस फैट वाले फूड्स (जैसे फास्ट फूड, जंक फूड)
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सिन गुड्स पर अतिरिक्त टैक्स/सेस
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तंबाकू व गुटका पर पहले से ही 96% तक सेस लगता है।
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लग्ज़री कारों पर 22% सेस जारी रहेगा।
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शक्करयुक्त पेयों पर 12% तक का सेस लागू है।
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कुछ राज्यों ने 40% से ऊपर अतिरिक्त टैक्स लगाने की मांग की है ताकि मौजूदा टैक्स बोझ बना रहे।
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शराब (Alcohol) का अपवाद
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शराब GST के दायरे से बाहर है।
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संविधान के अनुच्छेद 366(12A) के अनुसार शराब पर केवल राज्य सरकारें एक्साइज ड्यूटी लगाती हैं।
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इसलिए अलग-अलग राज्यों में शराब की कीमतों में बड़ा अंतर होता है।
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👉 सारांश: GST 2.0 में “सिन गुड्स” (तंबाकू, पान मसाला, सोडा, जुआ, लग्ज़री कारें, जंक फूड आदि) पर 40% टैक्स लगाया जाएगा। इसका उद्देश्य राजस्व बढ़ाना और समाज में हानिकारक खपत को नियंत्रित करना है।