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India China Trade Relations, Investors Eye New Ground, 13 points

  1. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की अनिश्चित विदेश नीति के बीच भारत और चीन सतर्कता के साथ द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं।

  2. दोनों देशों ने प्रत्यक्ष उड़ानें फिर से शुरू करने, व्यापार और निवेश बढ़ाने तथा तीन नामित बिंदुओं पर सीमा व्यापार पुनः शुरू करने और वीज़ा प्रक्रिया को आसान बनाने पर सहमति जताई है।

  3. यह घोषणा चीनी विदेश मंत्री वांग यी की एनएसए अजीत डोभाल के साथ दिल्ली में हुई 24वीं दौर की बातचीत के बाद सामने आई।

  4. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महीने के अंत में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में भाग लेने चीन जाएंगे, जो 7 वर्षों में उनकी पहली चीन यात्रा होगी।

  5. विश्लेषकों के अनुसार, ट्रम्प द्वारा लगाए गए टैरिफ के बीच यह भारत-चीन समीकरण वैश्विक स्तर पर व्यापारिक संतुलन को नई दिशा देने की क्षमता रखता है।

  6. इन दोनों एशियाई देशों की बेहतर साझेदारी वैश्विक साउथ की आवाज को मजबूत कर सकती है और व्यापार, जलवायु तथा तकनीक जैसे मुद्दों पर प्रभाव बढ़ा सकती है।

  7. भारत अपनी विदेश नीति को पुनर्संतुलित करते हुए चीन एवं अन्य BRICS देशों के साथ संबंध गहरा कर रहा है, जो अमेरिका के साथ तनावपूर्ण संबंधों के बीच एक रणनीतिक विकल्प माना जा रहा है।

  8. दोनों देशों के बीच बेहतर संबंध भारत को औद्योगिक इनपुट, तकनीकी विशेषज्ञता और पूंजी तक बेहतर पहुंच प्रदान करेंगे, जिससे अमेरिकी संरक्षणवाद के खिलाफ मजबूती मिलेगी।

  9. विश्लेषकों का मानना है कि रक्षा, नवीकरणीय ऊर्जा, पर्यटन और विनिर्माण जैसे क्षेत्र इस सहयोग से सबसे अधिक लाभान्वित हो सकते हैं।

  10. चीन की सौर, पवन, ईवी और बैटरी तकनीक भारत के हरित ऊर्जा लक्ष्यों और PLI योजनाओं में योगदान दे सकती है।

  11. प्रत्यक्ष उड़ानों और आसान वीज़ा से पर्यटन और विमानन क्षेत्र को गति मिल सकती है।

  12. फार्मा व स्वास्थ्य क्षेत्र में आपूर्ति श्रृंखला बेहतर होने से भारत की उत्पादन लागत में कमी आ सकती है।

  13. विनिर्माण क्षेत्र में चीनी निवेश और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण से “मेक इन इंडिया” को बढ़ावा मिलेगा।

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