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UPI में 1 August 2025 से आएगा बड़ा बदलाव, 7 points, पूरा information

New Delhi: 1 अगस्त 2025 से UPI (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस – Unified Payments Interface) से जुड़े नए नियम लागू हो जाएंगे, जो उपयोगकर्ताओं, बैंकों और व्यापारियों — तीनों को प्रभावित करेंगे। द प्रॉफिट इंडिया ने इन बदलावों को 7 बिंदुओं में समझाया है –

🔹 1. NPCI द्वारा नए दिशा-निर्देश

UPI की नियामक संस्था नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने डिजिटल भुगतान प्रणाली के लिए नए नियम जारी किए हैं। इनका उद्देश्य UPI को अधिक भरोसेमंद, सुचारू और भीड़ के समय कम बाधित बनाना है।


🔹 2. UPI बना वैश्विक नेता

UPI अब वीज़ा को पीछे छोड़कर दुनिया की अग्रणी रियल-टाइम पेमेंट तकनीक बन गई है। यह जानकारी अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की रिपोर्ट “Growing Retail Digital Payments: The Value of Interoperability” में दी गई है।


🔹 3. UPI का वर्चस्व

IMF रिपोर्ट के अनुसार:

  • भारत के 85% डिजिटल भुगतान UPI से हो रहे हैं।

  • वैश्विक स्तर पर लगभग 60% भुगतान UPI के माध्यम से किए जा रहे हैं।


🔹 4. API उपयोग के नए नियम

सभी बैंकों और पेमेंट ऐप्स के लिए नए API नियम लागू होंगे, जिनमें:

  • ऑटो पे (AutoPay) फीचर

  • बैलेंस चेक (Balance Check) विकल्प
    का उपयोग अब अपडेटेड ढंग से किया जाएगा।


🔹 5. बैलेंस चेक की सीमा

अब UPI यूज़र प्रतिदिन अधिकतम 50 बार ही अपना बैंक बैलेंस चेक कर सकेंगे। अभी तक इस पर कोई सीमा नहीं थी।


🔹 6. AutoPay के लिए निश्चित समय

अब NPCI ने UPI ऑटो-पे लेनदेन के लिए निश्चित समय स्लॉट तय किए हैं:

  • सब्सक्रिप्शन, EMI, बिजली-पानी जैसे बिलों के भुगतान अब दिनभर में रैंडम नहीं बल्कि निर्धारित समय पर ही प्रोसेस होंगे।

  • यह तकनीकी परिवर्तन UPI प्लेटफॉर्म की गति बढ़ाने और नेटवर्क भीड़ कम करने में मदद करेगा।


🔹 7. ग्राहकों पर कोई असर नहीं

  • आम UPI उपभोक्ताओं पर इन बदलावों का सीधा असर नहीं होगा। उनके ऑटो-पेमेंट पहले की तरह चलते रहेंगे।

  • लेकिन व्यवसायों को अपने भुगतान संग्रह के समय अब नए स्लॉट्स के अनुसार पुनः समायोजित करना होगा

 

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