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PM Narendra Modi के करीबी का investors को बड़ा सन्देश, 10 points

FY26 के अंत तक India दुनिया की चौथी सबसे बड़ी economy बन सकता है

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आर्थिक सलाहकार परिषद (EAC-PM) के अध्यक्ष एस महेंद्र देव ने भारत की आर्थिक स्थिति, निवेश की आवश्यकता, सरकारी और निजी क्षेत्र की भूमिका, कृषि विकास, तकनीकी बदलावों (जैसे कृत्रिम बुद्धिमत्ता) और राज्यों की जिम्मेदारियों पर महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं। उनका मानना है कि भारत को विकसित देश बनने के लक्ष्य को पाने के लिए निवेश-आधारित विकास रणनीति अपनानी होगी, जिसमें निजी निवेश, सरकारी पूंजीगत व्यय और राज्य स्तर पर सुधार अहम भूमिका निभाएंगे। द प्रॉफिट इंडिया ने देव के सुझावों को दस सरल पॉइंट्स में समझाने का प्रयास किया है….

1. निवेश और नकदी पर महेंद्र देव का विचार

  • भारतीय कंपनियों को नकदी जमा करने के बजाय नए निवेश करने की ज़रूरत है।

  • कंपनियों के मुनाफे और बैलेंस शीट मजबूत स्थिति में हैं।

  • निजी निवेश में वृद्धि के शुरुआती संकेत हैं, लेकिन यह वैश्विक अनिश्चितताओं के खत्म होने पर तेज़ हो सकता है।

  • सरकारी पूंजीगत व्यय अभी भी अल्पकालिक आर्थिक प्रोत्साहन का मुख्य आधार है।


2. वैश्विक चुनौतियाँ और भारत की क्षमता

  • अमेरिका द्वारा शुरू किया गया टैरिफ युद्ध वैश्विक व्यापार में अनिश्चितता ला रहा है।

  • भारत के पास सतत विकास की क्षमता है जिससे अगले 25 वर्षों में विकसित देश बन सकता है।

  • इसके लिए 11-12% नाममात्र और 7-8% वास्तविक GDP वृद्धि की आवश्यकता है।


3. राज्यों की भूमिका

  • राज्यों को घरेलू और विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिए अधिक प्रयास करने की ज़रूरत है।

  • ‘ईज ऑफ डूइंग बिज़नेस’ में सुधार महत्वपूर्ण है।

  • भूमि, बुनियादी ढांचा, लॉजिस्टिक्स और कुशल मानव संसाधन निवेश के लिए जरूरी हैं।


4. FY25 और FY26 की आर्थिक स्थिति

  • FY25 में भारत की GDP वृद्धि दर 6.5% रही और FY26 में भी यही रहने की संभावना है।

  • सामान्य से बेहतर मानसून से FY26 में कृषि उत्पादन बढ़ने की उम्मीद है।

  • कृषि में औसतन 4.6% वार्षिक वृद्धि देखी गई है (2017-18 से 2024-25 तक)।


5. कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था

  • कृषि में सिंचाई कवरेज बढ़ने से मानसून पर निर्भरता कम हुई है।

  • ग्रामीण मांग में वृद्धि निजी निवेश को गति दे सकती है।

  • सरकारी योजनाओं से कृषि उत्पादकता और किसान की आमदनी में सुधार हुआ है।


6. निजी निवेश और खपत

  • कंपनियां अधिक मुनाफे में हैं और कई कर्ज-मुक्त हो गई हैं, फिर भी निवेश नहीं कर रहीं।

  • नकदी को निवेश में लगाना ज़रूरी है।

  • FY25 में घरेलू खपत 7.2% की दर से बढ़ी जो FY24 की 5.6% से अधिक है।


7. कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और तकनीकी संभावनाएं

  • AI से नौकरियों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ने की संभावना है।

  • भारत में डिजिटल प्रौद्योगिकी, युवा कार्यबल और मानव पूंजी में वृद्धि विकास को बढ़ावा दे सकती है।


8. दीर्घकालिक विकास की रणनीति:

  • निवेश आधारित विकास रणनीति अधिक टिकाऊ है बनाम केवल खपत पर आधारित रणनीति।

  • सरकार का पूंजीगत व्यय अल्पकालिक स्थिरीकरण के लिए आवश्यक है।

  • सेवा और विनिर्माण क्षेत्र में निर्यात की अच्छी संभावनाएं मौजूद हैं।


9. भारत की दीर्घकालिक स्थिति और लक्ष्य

  • FY26 के अंत तक भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है।

  • चरम गरीबी में उल्लेखनीय कमी आई है और खपत असमानता में सुधार हुआ है।

  • 2047 तक भारत को विकसित देश बनाने का लक्ष्य है — जिसमें समावेशी विकास और सततता भी शामिल हैं।


10. राज्यों की प्रतिस्पर्धा और शासन क्षमता

  • राज्य GDP और प्रति व्यक्ति GDP लक्ष्यों के लिए प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं — यह सकारात्मक संकेत है।

  • राज्य शासन और संसाधन विकेन्द्रीकरण (पंचायतों और नगर निकायों को) सार्वजनिक सेवा वितरण के लिए ज़रूरी है।

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