ITR Filing 2025: Debt Mutual Funds पर tax कैसे लगता है और इन्हें ITR में कैसे दिखाएं?
यदि आपने डेट फंड्स में निवेश किया है तो ये खबर आपके लिए है...

New Delhi: वित्त वर्ष 2024-25 (आकलन वर्ष 2025-26) के लिए आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने की प्रक्रिया जारी है। यदि आपने इस वित्त वर्ष में अपने डेट म्यूचुअल फंड्स को रिडीम किया है और यह समझ नहीं आ रहा कि इस पर कितना टैक्स देना है और ITR में कैसे दिखाना है, तो यह लेख आपके लिए है। द प्रॉफिट इंडिया ने नीचे दिए गए बिंदुओं में विस्तार से समझाया है कि डेट फंड्स पर अब कौन से नियम लागू होते हैं और उन्हें किस तरह ITR-2 या ITR-3 में दर्शाया जाए।
✅ क्या होते हैं डेट म्यूचुअल फंड्स?
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ये फंड मुख्य रूप से गवर्नमेंट बॉन्ड्स, कॉर्पोरेट बॉन्ड्स, ट्रेज़री बिल्स आदि जैसे फिक्स्ड इनकम इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करते हैं।
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कम जोखिम और स्थिर रिटर्न देने का लक्ष्य होता है।
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हालांकि, यह पूरी तरह जोखिम-मुक्त नहीं होते — ब्याज दरों और क्रेडिट रिस्क के प्रति संवेदनशील होते हैं।
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अंतरराष्ट्रीय फंड्स (जैसे US या चीन आधारित) को भी टैक्स के लिहाज से डेट फंड्स जैसा ही माना जाता है।
📊 AY 2025-26 के लिए डेट फंड्स पर नया टैक्स नियम:
🔸 1 अप्रैल 2023 के बाद खरीदे गए डेट फंड्स पर:
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सभी लाभ आमदनी में जोड़े जाएंगे, चाहे आपने फंड कितने भी समय तक रखा हो।
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आपकी आयकर स्लैब के अनुसार टैक्स लगेगा – 5%, 20%, या 30% + सेस।
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इंडेक्सेशन का लाभ नहीं मिलेगा।
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अब STCG और LTCG का अंतर नहीं है।
💼 इक्विटी म्यूचुअल फंड्स पर टैक्स (FY25):
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यदि किसी फंड का 65% या अधिक हिस्सा भारतीय इक्विटी में है, तो वो इक्विटी फंड माना जाता है।
अवधि | बिक्री तिथि | टैक्स दर |
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12 महीने से कम (STCG) | 23 जुलाई 2024 से पहले | 15% |
12 महीने से कम (STCG) | 23 जुलाई 2024 के बाद | 20% |
12 महीने या अधिक (LTCG) | FY25 में | ₹1.25 लाख तक टैक्स-फ्री, उससे अधिक पर 10% या 12.5% |
📅 यदि आपने डेट फंड अप्रैल 2023 से पहले खरीदा और FY 2024-25 में बेचा:
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3 साल से अधिक रखा:
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यह LTCG होगा
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20% टैक्स + इंडेक्सेशन का लाभ मिलेगा
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उदाहरण: ₹1 लाख में खरीदा → ₹1.5 लाख में बेचा → यदि इंडेक्सेशन के बाद लाभ ₹30,000 है, तो टैक्स = ₹6,000 + सेस।
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3 साल से कम रखा:
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यह STCG होगा
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आपके स्लैब रेट पर टैक्स लगेगा (5/20/30%)
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कोई इंडेक्सेशन नहीं मिलेगा।
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📆 यदि आपने अप्रैल 2023 के बाद खरीदा और FY 2024-25 में बेचा:
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पूरे लाभ को आपकी कुल आय में जोड़ा जाएगा।
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होल्डिंग पीरियड का कोई फर्क नहीं पड़ता।
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कोई इंडेक्सेशन लाभ नहीं।
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उदाहरण: ₹1 लाख में खरीदा → ₹1.1 लाख में बेचा → लाभ ₹10,000 → यदि आप 30% टैक्स स्लैब में हैं → टैक्स = ₹3,000 + सेस
🧾 ITR में डेट म्यूचुअल फंड्स कैसे दिखाएं? (ITR-2 / ITR-3)
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Schedule CG (Capital Gains) का चयन करें – यहीं पर सभी पूंजीगत लाभ रिपोर्ट किए जाते हैं।
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प्रकार के अनुसार रिपोर्ट करें:
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Column 5a (STCG – Listed Securities):
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उन डेट फंड्स के लाभ दिखाएं जो:
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अप्रैल 2023 से पहले खरीदे और 3 साल से पहले बेचे गए हों या
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अप्रैल 2023 के बाद खरीदे गए हों (अब सब STCG माने जाते हैं)
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Column 5b (LTCG – Listed Securities):
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केवल उन्हीं फंड्स के लाभ जो:
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अप्रैल 2023 से पहले खरीदे गए हों और
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3 साल से अधिक तक होल्ड किए गए हों (इंडेक्सेशन लाभ सहित)
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जरूरी विवरण भरें:
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म्यूचुअल फंड का नाम
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खरीद और बिक्री की तारीख
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खरीद मूल्य और विक्रय मूल्य
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लाभ की गणना
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📝 महत्वपूर्ण सुझाव:
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सही ITR फॉर्म चुनें (अधिकतर मामलों में ITR-2 या ITR-3)
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यदि आप पेशेवर रूप से ट्रेडिंग नहीं कर रहे हैं, तो म्यूचुअल फंड लाभ को Capital Gains ही मानें।
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टैक्स एडवाइजर से परामर्श लेना उचित रहेगा, विशेषकर यदि आपके पास पुराने और नए दोनों टैक्स नियमों वाले निवेश हों।