समाचार
Trending

Chhattisgarh में तैयार हो रहा सड़कों का मजबूत नेटवर्क, 18215 करोड़ रुपये लागत की 37 सड़क परियोजनाओं पर चल रहा काम

National Highways के उन्नयन के लिए 5353 करोड़ रुपए मंजूर


रायपुर-विशाखापट्टनम और रायपुर-धनबाद आर्थिक गलियारे हो रहें तैयार

रायपुर: छत्तीसगढ़ में सड़क नेटवर्क का तेजी से विस्तार किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की पहल पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए राज्य में दो इकोनॉमिक कॉरिडोर सहित राज्य के दूरस्थ एवं पिछड़े क्षेत्रों में सड़कों का मजबूत नेटवर्क बनाने का काम शुरू हो गया है। छत्तीसगढ़ में औद्योगिक गतिविधियों में तेजी लाने के लिए इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बनाने का भी निर्णय लिया गया है।

छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास के लिए वर्तमान में कुल १८,२१५ करोड़ रुपये लागत की ३७ परियोजनाओं पर काम चल रहा है। राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास हेतु ११ विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की जा रही हैं, इन सड़कों की लंबाई ११३१ किलोमीटर होगी, जिनकी कुल लागत २४,६९३ करोड़ रुपये है। राष्ट्रीय राजमार्गों के उन्नयन के लिए भारत सरकार द्वारा कुल ५३५३ करोड़ रुपये की लागत वाली १८ परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है, जिसके सम्पूर्ण होने से राज्य के विकास को एक नयी गति मिलेगी। राज्य में वर्ष २०१४ से २०२५ तक ८४० किलोमीटर लंबाई के सिंगल-मध्यवर्ती लेन राष्ट्रीय राजमार्ग को २ या अधिक लेन में उन्नत किया गया है। राज्य में राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास के लिए २०१४ से २०२५ तक २१,३८० करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।

राष्ट्रीय राजमार्गों के अलावा, भारत सरकार ने २०१४ से २०२५ तक केंद्रीय सड़क और सी.आर.आई.एफ. और इकनोमिक इंपोर्टेंस एवं इंटर स्टेट कनेक्टिविटी के तहत राज्य की सड़कों के विकास के लिए कुल ३८२६ करोड़ रुपये की लागत के ७० कार्यों को मंजूरी दी है। रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, बस्तर और सरगुजा जैसे क्षेत्रों में राजमार्गों के नेटवर्क को और मजबूत किया जा रहा है। रायपुर एवं दुर्ग शहर के नागरिकों को सघन एवं भारी यातयात से राहत पहुंचाने हेतु २ पैकेजों में ९२ किलोमीटर लंबाई वाला ६ लेन का रायपुर-दुर्ग बाईपास का भी निर्माण कराया जा रहा है, जिसकी लागत २२८९ करोड़ रूपए है।

दो आर्थिक गलियारे

विशाखापट्टनम के पोर्ट के माध्यम से छत्तीसगढ़ के उत्पादों को वैश्विक बाजार मिलेगा, साथ ही रोजगार के नए अवसर भी बनेंगे। रायपुर-विशाखापट्टनम इकोनॉमिक कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है, इस ६ लेन सड़क की लंबाई के १२४ किलोमीटर होगी। इस मार्ग के लिए ४१४६ करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है तथा निर्माण कार्य प्रगति पर है। रायपुर एवं बिलासपुर को झारखण्ड की औद्योगिक नगरी रांची और धनबाद से जोड़ने के लिए ४ लेन सड़क का बिलासपुर-उरगा-पत्थलगाँव का निर्माण कराया जा रहा है, जिसकी लंबाई १५७ किलोमीटर और लागत ४००७ करोड़ रुपये है।

एल डब्ल्यू ई और जनमन योजना

भारत सरकार ने छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद की समस्या को समाप्त करने के लिए २०१४ से २०२५ तक लेफ्ट विंग एक्सट्रिमिस्म (एल. डब्लू. ई) योजना के अंतर्गत महत्वपूर्ण सड़कों के विकास के लिए २६२५ करोड़ रुपये की राशि व्यय की है। इसी प्रकार विशेष पिछड़ी जनजातीय समूह के विकास हेतु पीएम-जनमन योजना में राज्य को ७१५ सड़कें, २४४९ किमी. एवं १६९९ करोड़ की स्वीकृति दी गई है। इन सड़कों से ७७५ विशेष पिछड़ी जनजातीय बसाहटें लाभान्वित होगी। भारत सरकार द्वारा देश में राज्यों को ४८३१ किमी. लम्बाई की स्वीकृति में से राज्य को २४४९ किमी. लम्बाई की स्वीकृति दी गई है, जो कि कुल स्वीकृति का ५१ प्रतिशत है।

राष्ट्रीय राजमार्गों के आस-पास औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए कोरबा-बिलासपुर इंडस्ट्रीयल कॉरिडोर के निर्माण का निर्णय लिया गया है। उरगा-कटघोरा बाईपास बसना से सारंगढ़ (माणिकपुर) फीडर रूट, सारंगढ़ से रायगढ़ फीडर रूट और रायपुर-लखनादोन आर्थिक गलियारा परियोजनाओं की कुल लंबाई २३६.१ किलोमीटर है, जिसके लिए भारत सरकार ने कुल ९२०८ करोड़ स्वीकृत किया है। केन्द्रीय सड़क निधि से सड़कों के निर्माण के लिए ९०८ करोड़ रूपए की स्वीकृति दी गई है

Related Articles

Back to top button