S&P Global ने Trump को दिखाया ठेंगा, बढ़ाई India की credit rating, 10 points
Standard & Poor's Global says India one of fastest growing economies

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1. रेटिंग अपग्रेड का ऐतिहासिक फैसला
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S&P ग्लोबल रेटिंग्स ने भारत की क्रेडिट रेटिंग BBB- से बढ़ाकर BBB कर दी, आउटलुक “स्थिर” रखा।
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यह अपग्रेड 18 साल बाद हुआ; पिछली बार जनवरी 2007 में BBB- रेटिंग दी गई थी।
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S&P ने कहा: “भारत दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक है।”
2. आर्थिक प्रदर्शन और भविष्य का अनुमान
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कोविड महामारी के बाद भारत ने 2022-24 में औसतन 8.8% वास्तविक GDP वृद्धि दर्ज की, जो एशिया-प्रशांत में सबसे अधिक है।
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अगले 3 वर्षों में 6.8% वार्षिक वृद्धि का अनुमान।
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GDP का लगभग 60% घरेलू खपत से आता है, जिससे बाहरी झटकों का असर सीमित।
3. रेटिंग का महत्व
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S&P रेटिंग पाँच क्षेत्रों पर आधारित होती है:
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संस्थागत
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आर्थिक
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बाहरी
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राजकोषीय
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मौद्रिक
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BBB रेटिंग का मतलब: “वित्तीय दायित्वों को पूरा करने की पर्याप्त क्षमता, लेकिन प्रतिकूल परिस्थितियों में जोखिम अधिक।”
4. अमेरिकी टैरिफ और रूसी तेल पर प्रभाव
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अमेरिका के 25% (बाद में 50%) टैरिफ का असर S&P के अनुसार “मैनेजेबल”।
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अगर भारत रूसी तेल आयात बंद करता है, तो अतिरिक्त लागत सीमित होगी।
5. सरकार की प्रतिक्रिया
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वित्त मंत्रालय ने कहा:
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“राजकोषीय अनुशासन, इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण और समावेशी विकास के प्रयासों का परिणाम यह अपग्रेड है।”
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2047 तक “विकसित भारत” का लक्ष्य।
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सरकार ने लंबे समय से S&P, Moody’s और Fitch से उच्च रेटिंग की मांग की थी।
6. निवेश और विदेशी पूंजी प्रवाह
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रेटिंग अपग्रेड से:
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विदेशी निवेश में बढ़ोतरी
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मुद्रा विनिमय दर पर सकारात्मक असर
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सरकारी व निजी क्षेत्र के उधार लेने की लागत में कमी
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7. हालिया GDP और विकास की स्थिरता
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2024-25 में 6.5% GDP वृद्धि – 4 वर्षों में सबसे कम, लेकिन स्थायी स्तर पर सामान्यीकरण।
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दीर्घकालिक उच्च विकास दर रोजगार सृजन, असमानता घटाने और जनसांख्यिकीय लाभ के लिए आवश्यक।
8. मुद्रास्फीति और बाहरी स्थिति
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RBI ने मुद्रास्फीति को 2-6% लक्ष्य दायरे में रखा।
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चालू खाते का घाटा अगले वर्षों में कम रहने का अनुमान।
9. सार्वजनिक वित्त और घाटा
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केंद्रीय व राज्य सरकार का संयुक्त राजकोषीय घाटा:
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2025-26: 7.3% GDP
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2028-29 तक घटकर 6.6% होने का अनुमान।
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इंफ्रास्ट्रक्चर खर्च में निरंतर वृद्धि:
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2019-20: ₹3.36 लाख करोड़
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2025-26: ₹11.21 लाख करोड़ (केंद्र)
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केंद्र + राज्य = GDP का 5.5% इंफ्रा निवेश।
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10. सरकारी कर्ज
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संयुक्त कर्ज (केंद्र + राज्य):
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2024-25: 83% GDP
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2028-29: घटकर 78% GDP
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केंद्र का लक्ष्य:
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2030-31 तक कर्ज-से-GDP अनुपात 49-51%, अभी 57.1%।
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