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Coal Mine Waste और Coal Ash में पाए गए Rare Earth Elements

बड़ी खोज, चीन पर निर्भरता होगी खत्म

New Delhi: India ने बड़ी सफलता हासिल की है। यहां कोयला खदान के अपशिष्ट और राख में दुर्लभ पृथ्वी तत्व (Rare Earth Elements – REE) पाए गए हैं। यह कैसे संभव हुआ इसे समझिए इन पॉइंट्स में –

🔹 कोयला राख और खदान अपशिष्ट में दुर्लभ पृथ्वी तत्व (REE) की खोज

  1. सिंगरेनी ताप विद्युत संयंत्र (STPP) से एकत्रित फ्लाई ऐश (Fly Ash), बॉटम ऐश और ओवरबर्डन मिट्टी के नमूनों का विश्लेषण किया गया।

    • कुल REE की मात्रा लगभग 400 ppm पाई गई।

  2. नेयवेली (NLC India Ltd) की खदानों और ताप विद्युत संयंत्रों से एकत्रित फ्लाई ऐश, लिग्नाइट और ओवरबर्डन के नमूनों में भी REE और ट्रेस तत्वों का विश्लेषण किया गया।

    • फ्लाई ऐश में कुल REE की मात्रा 2100 mg/kg और यट्रियम (Yttrium) की मात्रा 300 mg/kg पाई गई।

🔹 राष्ट्रीय महत्त्व के खनिजों पर मिशन

  1. भारत सरकार ने 29 जनवरी 2025 को “राष्ट्रीय क्रिटिकल मिनरल मिशन (NCMM)” की स्थापना को मंजूरी दी है।

    • अवधि: 2024–25 से 2030–31

    • उद्देश्य: ओवरबर्डन, टेलिंग्स, फ्लाई ऐश और रेड मड से महत्वपूर्ण खनिजों की पुनर्प्राप्ति।

    • इसके लिए ₹100 करोड़ का बजट निर्धारित।

    • 06 अप्रैल 2025 को CoE (Centre of Excellence) की स्थापना के लिए दिशा-निर्देश भी स्वीकृत।

🔹 कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) द्वारा किए गए अनुसंधान

  1. पूर्वोत्तर क्षेत्र (NER) कोलफील्ड में किए गए आकलन में कुल REE की मात्रा कम, लेकिन हैवी REE की मात्रा अधिक पाई गई।

  2. सिंगरौली कोलफील्ड में गोंडवाना परतों (कोयला, मिट्टी, शेल, बलुआ पत्थर) में किए गए विश्लेषण से पता चला कि:

    • कोयला नमूनों में लगभग 250 ppm और गैर-कोयला नमूनों में 400 ppm REE की मात्रा पाई गई।

    • निष्कर्ष: संभावनाएं अच्छी हैं, परंतु आर्थिक निष्कर्षण तकनीकी प्रगति और लागत-प्रभावशीलता पर निर्भर है।

  3. पूर्वोत्तर कोलफील्ड की ओवरबर्डन परतों से REE निष्कर्षण हेतु स्वदेशी तकनीक का विकास किया जा रहा है:

    • (i) गैर-कोयला परतों से फिजिकल सेपरेशन द्वारा धातुओं की सांद्रता।

    • (ii) आयन-एक्सचेंज रेजिन द्वारा अम्लीय खदान जल (Acid Mine Drainage) से धातुओं की निष्कर्षण तकनीक।

🔹 अनुसंधान हेतु सहयोग

  1. सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड (SCCL) ने निम्न संस्थानों के साथ समझौता ज्ञापन (MoUs) पर हस्ताक्षर किए:

    • IMMT, भुवनेश्वर

    • NFTDC, हैदराबाद

    • IIT हैदराबाद

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