
Ahmedabad / Jamnagar
रिलायंस का कच्छ में सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट: पूरी जानकारी
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कच्छ में दुनिया का सबसे बड़ा सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने घोषणा की कि कंपनी गुजरात के कच्छ में 5,50,000 एकड़ बंजर भूमि पर एक विशाल सौर ऊर्जा परियोजना विकसित कर रही है, जो सिंगापुर के आकार से तीन गुना बड़ी है। -
हर दिन 55 मेगावाट सौर मॉड्यूल की स्थापना
इस सौर परियोजना में प्रतिदिन 55 मेगावाट सौर मॉड्यूल और 150 मेगावाट-घंटे बैटरी कंटेनर लगाए जाएंगे, जिससे यह दुनिया की सबसे तेज़ सौर इंस्टॉलेशन में से एक बनेगी। -
भारत की 10% बिजली जरूरत पूरी करने की क्षमता
अंबानी के अनुसार, यह ग्रीन एनर्जी प्रोजेक्ट अगले 10 वर्षों में भारत की लगभग 10% बिजली आवश्यकता को पूरा कर सकेगा। -
जामनगर और कांडला से कनेक्टिविटी
यह प्रोजेक्ट रिलायंस के जामनगर और कांडला स्थित समुद्री और ज़मीनी इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ा होगा, जिससे सौर ऊर्जा और ग्रीन हाइड्रोजन का एकीकरण संभव होगा। -
ग्रीन अमोनिया, ग्रीन मेथनॉल और सस्टेनेबल एविएशन फ्यूल का उत्पादन
यह परियोजना भारत को कम लागत वाले ग्रीन हाइड्रोजन और उसके डेरिवेटिव्स जैसे ग्रीन अमोनिया, ग्रीन मेथनॉल और टिकाऊ विमानन ईंधन के वैश्विक हब के रूप में स्थापित करेगी। -
2032 तक 3 MTPA ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन का लक्ष्य
शुरुआत में रिलायंस अपनी आंतरिक मांग को पूरा करेगी, लेकिन बाद में यह उत्पादन 3 मिलियन टन प्रति वर्ष (MTPA) तक बढ़ाया जाएगा। -
सौर PV निर्माण प्लेटफॉर्म चालू
रिलायंस का सौर पीवी (Photovoltaic) निर्माण यूनिट चालू हो चुका है और 200 मेगावाट HJT (हेटेरोजंक्शन टेक्नोलॉजी) मॉड्यूल का उत्पादन हो चुका है, जो 10% ज्यादा ऊर्जा, 20% बेहतर तापमान प्रदर्शन और 25% कम गिरावट दर देते हैं। -
10 GWp से 20 GWp तक की निर्माण क्षमता
आने वाले समय में यह सौर पैनल मैन्युफैक्चरिंग यूनिट 10 GWp वार्षिक से बढ़ाकर 20 GWp कर दी जाएगी, जिससे यह दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे इंटीग्रेटेड सोलर निर्माण साइट बन जाएगी। -
बैटरी और इलेक्ट्रोलाइज़र गीगा फैक्ट्री निर्माण जारी
रिलायंस 2026 तक 40 GWh वार्षिक क्षमता की बैटरी गीगा फैक्ट्री शुरू करेगी, जिसे 100 GWh तक बढ़ाया जा सकेगा। इलेक्ट्रोलाइज़र गीगा फैक्ट्री की शुरुआत 2026 के अंत तक होगी, जिसकी क्षमता 3 GW प्रति वर्ष होगी। -
एकीकृत ऊर्जा इकोसिस्टम का निर्माण
यह पूरा प्रोजेक्ट — सौर ऊर्जा, बैटरी स्टोरेज और ग्रीन हाइड्रोजन इकोसिस्टम — एक ही छत के नीचे विकसित होगा, जिससे लागत, तकनीक और सप्लाई चेन में बड़ा फायदा मिलेगा। यह भारत को ऊर्जा परिवर्तन (Energy Transition) की वैश्विक दौड़ में अग्रणी बनाएगा।