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सोने की खरीदारी में सावधानी बरतें ग्राहक, कोई सस्ता सोना नहीं बेच सकता

- ग्राहकों को जागरुक करेगा छत्तीसगढ़ सराफा एसोएिशन

– एसोसएिशन का कहना सोनवा कभी रेट से सस्ता नहीं होता
– भ्रमित करने वाले विज्ञापनों से बचें ग्राहक
रायपुर।
छत्तीसगढ़ सराफा एसोसिएशन सोने की खरीदारी में सस्ते सोने के नाम से भ्रमित होने से ग्राहकों को बचाएगा। एसोसिएशन का कहना है कि सोने की खरीदारी करते हुए ग्राहक इस प्रकार के किसी भी विज्ञापन के चक्कर में न पड़ें, जिसमें लिखा है कि वे सस्ता और शुद्ध सोना बेच रहे है। इस प्रकार के विज्ञापन पूरी तरह से भ्रमित करने वाले है। सोना न तो रेट से सस्ता हो सकता है और न ही कोई उसे रेट से महंगा बेच सकता है। सोने की दर प्रतिदिन वैश्विक स्तर पर तय होती है। ब्रांडेड या अन-ब्रांडेड के नाम पर शुद्धता का भेदभाव एक मिथक है।
रायपुर सराफा एसोसएिशन के पूर्व अध्यक्ष हरख मालू ने बताया कि छत्तीसगढ़ सराफा एसोसिएशन के बैनर तले आने वाले दिनों में इस प्रकार के भ्रामक विज्ञापनों के प्रति ग्राहकों को जागरुक किया जाएगा। पोस्टर, फ्लैक्स लगाने के साथ ही सोशल मीडिया के जरिए भी ग्राहकों को बताया जाएगा कि इस प्रकार के भ्रामक विज्ञापनों से बचें। इस तरह की मार्केटिंग नीतियां न केवल ग्राहकों को गुमराह कर रही हैं बल्कि छोटे और पारंपरिक सराफा व्यापारियों के अस्तित्व के लिए भी खतरा बन रही हैं। किसी एक ब्रांड का खुद को शुद्ध सोने का इकलौता विक्रेता बताना न केवल अनैतिक है बल्कि यह कानूनी रूप से भी गलत है। इससे उपभोक्ताओं का भरोसा टूट रहा है और व्यापार में पारदर्शिता पर असर पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि एसोसिएशन ने प्रदेश में उपभोक्ता जागरूकता अभियान की शुरुआत की है और इसके तहत सोना व आभूषण खरीदने के लिए 9 बिंदुओं की विस्तृत सलाह भी जारी की है।
ग्राहकों को यह है सलाह
ग्राहक सबसे पहले यह तय करें कि प्रत्येक गहने पर बीआईएस हॉलमार्क अंकित हो। 22 कैरेट सोने में 91.6 प्रतिशत और 18 कैरेट में 75 प्रतिशत शुद्धता अंकित होनी चाहिए। ग्राहकों को मेकिंग चार्ज के बारे में पहले से स्पष्ट जानकारी लेनी चाहिए, जो सामान्यत: डिज़ाइनर गहनों में 12 प्रतिशत से 18 प्रतिशत तक होता है। बिल का सावधानीपूर्वक सत्यापन करना जरूरी है जिसमें वजन को दर से गुणा करके उसमें मेकिंग चार्ज और जीएसटी जोडक़र अंतिम कीमत निकाली जाती है। कोई भी छुपा शुल्क स्वीकार न करें। हॉलमार्किंग शुल्क भी निर्धारित सीमा के भीतर होना चाहिए, जो अधिकतम आरएस 45 प्लस जीएसटी है। प्रत्येक ग्राहक को पूर्ण विवरण वाला बिल अवश्य लेना चाहिए जिसमें वजन, शुद्धता, हॉलमार्क, मेकिंग चार्ज और रिटर्न/एक्सचेंज नीति का उल्लेख हो।
एक्सचेंज पालिसी भी जान लें
खरीदारी से पहले दुकान की एक्सचेंज पॉलिसी भी स्पष्ट रूप से जान लें। सोने की दर की पुष्टि उसी दिन के अपडेटेड रेट से करें। यदि गहनों में पत्थर लगे हों तो यह सुनिश्चित करें कि उनके वजन को सोने के कुल वजन में न जोड़ा जाए। यही सतर्कता उन्हें ठगी से बचाएगी और पूरे उद्योग में ईमानदारी की नींव को मजबूत करेगी।

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