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लोहा बाजार में भारी गिरावट, 51 हजार रुपए टन पहुंचा सरिया

रायपुर,स्वदेश।
कमजोर इस्पात मांग, उच्च उत्पादन व घटते निर्यात के कारण लोहा बाजार में भारी गिरावट आई है। कच्चे लोहे की कीमतें पांच वर्ष के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गई है। साढ़े पांच वर्ष पहले वर्ष 2020 की शुरुआत में ही सरिया की कीमतों में बढ़ोतरी शुरू हुई थी। सोमवार को फैक्ट्रियों में सरिया 48 हजार रुपए प्रति टन और रिटेल में 51 हजार रुपए प्रति टन पहुंच गया। क्षेत्र से जुड़े कारोबारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में इसकी कीमतों में और गिरावट आ सकती है। अभी आफ सीजन के चलते बाजार में मांग बिल्कुल नदारद है,इसका असर ही कीमतों में देखने को मिल रहा है। मांग या निर्यात में बढ़ोतरी होने के बाद ही कीमतों में उतार-चढ़ाव देखने को मिलेगा। कारोबारियों का कहना है कि अभी आफ सीजन में बाजार में डिमांड भी गायब है। वहीं दूसरी ओर सीमेंट की कीमतों में भी स्थिरता है। थोक में सीमेंट 270-275 रुपए प्रति बैग व रिटेल में 285 से 295 रुपए प्रति बैग बिक रही है। हालांकि रेत की कीमतों में जबरदस्त तेजी आ गई है और रेत इन दिनों 20 रुपए फीट तक पहुंच गई है।
सवा तीन साल पहले 80 हजार रुपए टन पार हुआ था सरिया
सवा तीन साल पहले वर्ष 2022 में मार्च महीने में सरिया में रिकार्ड तेजी आ गई थी और सरिया की कीमतें 80 हजार रुपए टन पार हो गई थी। उन दिनों कोयले व रा मटेरियल की कीमतें भी बढ़ी हुई थी।
रियल इस्टेट की रफ्तार भी सुस्त
रियल इस्टेट की रफ्तार भी इन दिनों सुस्त बनी हुई है। पिछले सालों की तुलना में इस साल जनवरी से लेकर कम नए प्रोजेक्ट आए है। रियल इस्टेट कारोबारियों का कहना है कि वे उपभोक्ताओं की मांग व उनके बजट के अनुसार अपने प्रोजेक्ट लाते है। अभी तो ऐसी कोशिश की जा रही है कि कम बजट में ही उपभोक्ताओं को ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं मिल सके।

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