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India Business Superfast Pace in Last 20 Years, 6 Points

Delhi


  1. व्यापार गतिविधि का नया रिकॉर्ड

    • अगस्त 2025 में भारत की निजी क्षेत्र की गतिविधि (Private Sector Activity) ने पिछले कम से कम दो दशकों में सबसे तेज़ वृद्धि दर्ज की।

    • इसकी मुख्य वजह रही मजबूत मांग, खासकर सेवा क्षेत्र (Services Sector) में।

  2. आर्थिक वृद्धि और अपेक्षाएँ

    • HSBC का India Composite Purchasing Managers’ Index (PMI), जिसे S&P Global ने तैयार किया, 61.1 से बढ़कर 65.2 पर पहुँचा।

    • यह दिसंबर 2005 में सर्वे शुरू होने के बाद से सबसे ऊँचा स्तर है।

    • लगातार 49वें महीने PMI 50 से ऊपर रहा, जो विकास (Growth) और संकुचन (Contraction) को अलग करता है।

  3. मांग और ऑर्डर्स में उछाल

    • 18 साल में सबसे तेज़ नई ऑर्डरों (New Orders) की बढ़ोतरी दर्ज की गई।

    • सेवाओं का PMI 65.6 के रिकॉर्ड स्तर पर पहुँचा।

    • विनिर्माण (Manufacturing) PMI भी 59.8 पर पहुँचा, जो जनवरी 2008 के बाद सबसे ऊँचा है।

  4. मूल्य वृद्धि (Price Rise)

    • कंपनियों ने इनपुट लागत (Input Costs) बढ़ने का बोझ ग्राहकों पर डाला।

    • आउटपुट प्राइस इंडेक्स जुलाई के 53.5 से बढ़कर 55.8 पर पहुँचा – यानी 12 साल से अधिक का उच्च स्तर

    • यह प्रवृत्ति हाल ही में दर्ज सरकारी आँकड़ों से विपरीत है, जिनमें मुद्रास्फीति घटकर 8 साल के न्यूनतम स्तर 1.55% पर आ गई थी।

  5. RBI की भूमिका

    • भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) मुद्रास्फीति लक्ष्य 2–6% की सीमा में रखता है।

    • इस वर्ष की शुरुआत में RBI ने अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देने के लिए ब्याज दरें घटाईं।

    • हालिया बैठक में दरों को स्थिर रखा गया, लेकिन अगली तिमाही में फिर कटौती की उम्मीद है।

  6. रोज़गार और भविष्य की धारणा

    • मांग बढ़ने से नौकरी सृजन (Job Creation) को बढ़ावा मिला।

    • कंपनियों का आगामी वर्ष के लिए आत्मविश्वास मार्च के बाद सबसे ऊँचे स्तर पर पहुँचा।


👉 संक्षेप में: भारत की सेवाओं और विनिर्माण क्षेत्र ने मिलकर अगस्त 2025 में अब तक की सबसे तेज़ गतिविधि दर्ज की, जिससे मांग और नौकरियों में उछाल आया, लेकिन साथ ही दामों में भी तेज़ बढ़ोतरी देखी गई।

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