Digital Ad Market: India Growth 15% Annually For Next 4 Years, 9 Points
Delhi
भारत का डिजिटल विज्ञापन बाज़ार – Bain & Co रिपोर्ट
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आकार और वृद्धि
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2024 में भारत का कुल विज्ञापन बाज़ार: 16–18 अरब डॉलर (GDP का 0.4%)।
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2029 तक अनुमानित वृद्धि: 10–15% वार्षिक, GDP का 0.5%।
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डिजिटल विज्ञापन का योगदान: 50–60% (2024), जो बढ़कर 2029 तक 17–19 अरब डॉलर तक पहुँचेगा (15% CAGR)।
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विकास के प्रमुख कारण
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बढ़ती निजी खपत (10–12%)।
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2029 तक 4G/5G कवरेज 90%+ सब्सक्रिप्शन तक पहुँचना।
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तेज़ी से बढ़ती डिजिटल अपनाने (Digital Adoption)।
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SMEs और D2C ब्रांड्स का बढ़ता योगदान (2024 में 37%, 2029 तक 40%+)।
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SMEs और D2C का रोल
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मोबाइल-फर्स्ट और ई-कॉमर्स पर आधारित।
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परफॉर्मेंस मार्केटिंग पर ज़्यादा ध्यान।
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ROI को मापने और बेहतर परिणाम पाने पर फोकस।
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रणनीतिक बदलाव (Strategic Shifts)
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विज्ञापनदाता Google और Meta पर निर्भरता कम कर रहे हैं।
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निवेश बढ़ रहा है:
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क्विक कॉमर्स और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स।
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IPL – 2024 में 4.5% डिजिटल खर्च, 6–7 साल में 7% तक बढ़ सकता है।
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Flipkart Ads – 2024 में 0.8–1 अरब डॉलर राजस्व।
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मोबाइल और नए फॉर्मेट्स
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मोबाइल का योगदान: 70–80% डिजिटल खर्च।
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इन-ऐप वीडियो फॉर्मेट्स – अगले 5 साल में 6–8% अंक तक बढ़ेंगे।
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कनेक्टेड टीवी (CTV) – अभी <5%, पर 30% वार्षिक दर से बढ़ेगा, 2029 तक 3–4% अंक बढ़ेगा।
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चुनौतियाँ और अवसर
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क्रिएटिव थकान (Creative Fatigue): समाधान – संदर्भ आधारित (Contextual) और व्यक्तिगत (Personalised) विज्ञापन।
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डेटा प्रोटेक्शन एक्ट का असर:
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बड़े ब्रांड्स – फर्स्ट-पार्टी डेटा इंजन (75 मिलियन+ ग्राहक डेटा)।
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छोटे ब्रांड्स – यूनिवर्सल ID और क्लीन-रूम मॉडल।
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संतुलन – गोपनीयता व पैमाना (Privacy vs Scale)।
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Adtech की भूमिका
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फुल-स्टैक पार्टनर के रूप में उभरना।
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सुविधाएँ: ROI एनालिटिक्स, रियल-टाइम टार्गेटिंग, क्रॉस-चैनल एट्रिब्यूशन।
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बेहतर एट्रिब्यूशन और परफॉर्मेंस डेटा की आवश्यकता।
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टेस्टिंग और प्रयोग
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भारत में अभी शुरुआती स्तर पर।
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केवल कुछ ब्रांड्स ही 5–10% बजट प्रयोग (Experimentation) पर खर्च करते हैं।
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Bain का सुझाव – ROI सुधारने के लिए व्यापक स्तर पर अपनाना ज़रूरी।
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भविष्य की दिशा
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भारत का विज्ञापन बाज़ार मल्टी-चैनल और विविधीकृत (Diversified) मॉडल की ओर बढ़ रहा है।
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क्विक कॉमर्स, IPL, मोबाइल और CTV इसे वैश्विक ट्रेंड्स से अलग बनाएंगे।
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भारत का Adtech मॉडल अमेरिका और चीन से अलग और स्थानीय आवश्यकताओं पर आधारित होगा।
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